Saturday, April 20, 2024
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सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय लें, वो देश की एकता अखंडता को मज़बूत करने वाले हों: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आईएएस अधिकारी जो भी फैसला लें वह देशहित में होना चाहिए और उससे देश की एकता और संप्रभुता मजबूत होनी चाहिए।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 31, 2020 14:02 IST
pm modi- India TV Hindi
Image Source : ANI/TWITTER सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय लें, वो देश की एकता अखंडता को मज़बूत करने वाले हों: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आईएएस अधिकारी जो भी फैसला लें वह देशहित में होना चाहिए और उससे देश की एकता और संप्रभुता मजबूत होनी चाहिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ये बात कही। प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मंसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के भारतीय सिविल सेवा के 428 प्रशिक्षुओं से ‘‘आरंभ 2020’’ कार्यक्रम के तहत संवाद कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘किसी सिविल सेवा अधिकारी के लिए सबसे पहले जरूरी है कि वह देश के सामान्य जन से निरंतर जुड़े रहे। जब आप लोगों से जुड़े रहेंगे तो लोकतंत्र में काम करना आसान हो जाएगा। समाज से कटिए मत, उससे जुड़िए। वह आपकी शक्ति का सहारा बनेगा।’’

उन्होंने कहा-'एक साल पहले जो स्थितियां थी और आज जो स्थितियां हैं, उनमें बहुत बड़ा फर्क है। मुझे विश्वास है कि संकट के इस समय में देश ने और देश की व्यवस्थाओं ने जिस तरह काम किया, उससे आपने भी बहुत कुछ सीखा होगा।' 

पीएम मोदी ने कहा- 'आज भारत की विकास यात्रा के जिस महत्वपूर्ण कालखंड में आप हैं, वो बहुत विशेष है। जब आपका बैच काम करना शुरू करेगा,तो वो समय होगा जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में होगा। आप ही वो अफसर हैं, जो उस समय भी देश सेवा में होंगे, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा।'

उन्होंने कहा- आज देश जिस मोड में काम कर रहा है, उसमें आप सभी नौकरशाहों की भूमिका न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन की ही है। आपको ये सुनिश्चित करना है कि नागरिकों के जीवन में आपका दखल कैसे कम हो, सामान्य मानवी का सशक्तिकरण कैसे हो।' पीएम मोदी ने कहा-प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका सरकार में न्यूनतम और शासन में अधिकतम है, आम लोगों के जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप सुनिश्चित करें।

आपको बता दें कि  ‘‘आरंभ’’ एक ऐसा प्रयास है जिसके जरिए सभी अखिल भारतीय सेवा, ग्रुप-ए केंद्रीय सेवाएं, विदेश सेवाओं के प्रशिक्षुओं को एक कॉमन फाउंडेशन पाठ्यक्रम (सीएफसी) के जरिए एक साथ लाया जाता है। इसका उद्देश्य परंपरागत रूप से विभागीय और सेवाओं स्तर पर बंटी आ रही सोच को खत्म करना है जिससे कि अपने करियर को सिविल अधिकारी नई सोच के साथ शुरू कर सके।

‘‘आरंभ’’ का उद्देश्य सिविल अधिकारियों के अंदर विभिन्न विभागों और क्षेत्रों के साथ बिना किसी अड़चन के मिलकर काम करने की क्षमता विकसित करना है। “आरंभ” की शुरूआत 2019 में 94वें फाउंडेशन कोर्स के तहत की गई थी। जिसमें गुजरात के केवडिया स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ में 20 विभिन्न सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारी एक सप्ताह के लंबे कार्यक्रम में भाग लेते हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री को एक प्रस्तुति भी दी जाती है। साथ ही प्रधानमंत्री प्रशिक्षु अधिकारियों से सीधे संवाद भी करते हैं और उन्हें संबोधित भी करते हैं। इस साल “आरंभ” का यह दूसरा संस्करण था। कोरोना महामारी की वजह से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इसका आयोजन किया गया। 

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