Wednesday, April 24, 2024
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दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र में बेतहाशा बढ़ेंगे मामले? मई के मध्य में कोरोना मामले पीक पर पहुंचने की उम्मीद

Presentation में 10 राज्यों- महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात, जहां कोरोना मामलों की वजह से प्रेशर अधिक है, वहां स्वास्थ्य ढांचे में कमियों की ओर इशारा किया गया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 25, 2021 9:22 IST
Coronavirus cases in uttar pradesh delhi maharashtra niti ayog presentation दिल्ली, यूपी और महाराष्ट- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र में बेतहाशा बढ़ेंगे मामले? मई के मध्य में कोरोना मामले पीक पर पहुंचने की उम्मीद

नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण तांडव मचा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना संक्रमण को लेकर बैठक भी कर चुके हैं। अंग्रेजी अखबार संडे एक्सप्रेस में छपी खहर के अनुसार, पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच हुई इस मीटिंग के दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल द्वारा दी गई प्रजेंटेशन में जिन प्रमुख बिंदुओं को चिह्नित किया गया, उनमें कोरोना संक्रमण के मई मध्य तक अपनी पीक पर पहुंचने की उम्मीद जताई गई। इसके अलावा ये भी अनुमान जताया गया कि प्रतिदिन आने वाले मामले बढ़कर 5 लाख तक पहुंच सकते हैं और ये रफ्तार जून-जुलाई में जाकर कम होने की संभावना है। प्रजेंटेशन में अधिक जनसंख्या वाले राज्यों को ज्यादा खतरे का अनुमान जताया गया और कहा गया कि इन राज्यों में स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा "बहुत गंभीर परिदृश्य" का सामना करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

प्रजेंटेशन में सरकार द्वारा "ट्रांसमिशन की श्रृंखलाओं को तोड़ने"के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों पर भी चर्चा की गई है, जिनमें “संशोधित, उदारवादी“ टीकाकरण नीति, ऑक्सीजन के "उत्पादन और उपलब्धता" में सुधार, रेमेडिसविर की "उपलब्धता में वृद्धि" सहित सरकार की अन्य पहल शामिल हैं।

सूत्रों की मानें तो वीके पॉल द्वारा दी गई प्रजेंटेशन में आने वाले खतरे के बारे में आगाह किया गया। प्रजेंटेशन में 30 अप्रैल तक कोरोना के अनुमानित मामलों की चर्चा की गई है और जिन राज्यों में मामले बहुत तेजी से बढ़ने का अनुमान है, वहां महत्वपूर्ण उपकरणों में कमी की बात कही गई है। Presentation में 10 राज्यों- महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात, जहां कोरोना मामलों की वजह से प्रेशर अधिक है, वहां स्वास्थ्य ढांचे में कमियों की ओर इशारा किया गया।

इनमें से, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली में इस महीने के अंत तक मामलों में बहुत ज्यादा इजाफा होने की उम्मीद है। इन राज्यों में यूपी में महीने के अंत तक 1,19,604 मामले आने की उम्मीद है, जो अप्रैल की 15 तारीख को मिले 20,439 मरीजों का 5 गुना है। दिल्ली में भी इसी तरह कोरोना मामलों में 4 गुना तक इजाफा देखने को मिल सकता है। दिल्ली में 15 अप्रैल को 17,282 मामले सामने आए थे, जो महीने के अंत तक 67,134 तक बढ़ सकते हैं। प्रजेंटेशन में कहा गया कि किसी भी राज्य के पास मामलों में उछाल से निपटने के लिए पर्याप्त आधारभूत संरचना नहीं है। उपचार सुविधाओं की कमी के कारण मौतों की संख्या बढ़ सकती है।

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