Friday, December 12, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. दिल्ली तथा पांच अन्य शहर वायु प्रदूषक ‘नाइट्रोजन ऑक्साइड’ के हॉटस्पॉट्स

दिल्ली तथा पांच अन्य शहर वायु प्रदूषक ‘नाइट्रोजन ऑक्साइड’ के हॉटस्पॉट्स

राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के अनेक शहर ‘ नाइट्रोजन ऑक्साइड’ के बढ़ते स्तरों के प्रमुख हॉटस्पॉट्स हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड एक खतरनाक प्रदूषक है जो ओजोन निर्माण के लिए जिम्मेदार है।

Reported by: Bhasha
Published : Jul 04, 2019 08:33 pm IST, Updated : Jul 04, 2019 08:33 pm IST
Delhi Air Pollution File Photo- India TV Hindi
Delhi Air Pollution File Photo

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के अनेक शहर ‘ नाइट्रोजन ऑक्साइड’ के बढ़ते स्तरों के प्रमुख हॉटस्पॉट्स हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड एक खतरनाक प्रदूषक है जो ओजोन निर्माण के लिए जिम्मेदार है। एक विश्लेषण में यह खुलासा हुआ है। ओजोन एक प्राणघातक गैस है और बेहद कम समय के लिए भी इसके संपर्क में आने से श्वसन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इससे अस्थमा हो सकता है और यहां तक कि व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ सकता है। ओजोन गैस सीधे किसी स्रोत से उत्सर्जित नहीं होती बल्कि वायुमंडल में मौजूद गैसों और सूर्य की रोशनी में उच्च तापमान में रिएक्शन होने से निर्मित होती है। 

पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले स्वयंसेवी संगठन ग्रीसपीस इंडिया के एक विश्लेषण में कहा गया है कि सैटेलाइट से प्राप्त आकड़े यह दिखाते हैं कि यातायात और औद्योगिक समूह दिल्ली, बेंगलूरु, मुंबई, कोलकाता,चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों को नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) के सबसे खराब हॉटस्पॉट्स के रूप में विकसित कर रहे हैं। इन शहरों में वाहनों की बड़ी संख्या है और डीजल की खपत अधित है। 

फरवरी 2018 से मई 2019 के बीच एकत्रित किए गए आकड़ों के अनुसार कोयले की खपत के मामले में मध्यप्रदेश के सोनभद्र, उत्तर प्रदेश के सिंगरौली, छत्तीसगढ़ के कोरबा, ओडिशा के तलचर,महाराष्ट्र के चंद्रपुर ,गुजरात के मुन्द्रा और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर जैसे औद्योगिक क्षेत्र एनओएक्स उत्सर्जन के मामले में समान तौर पर प्रदूषण फैला रहे है। 

ग्रीनपीस इंडिया की वरिष्ठ कैंपेनर पुजारिनी सेन कहते हैं,‘‘पिछले कुछ वर्षों में अनेक अध्ययनों में पता चला है कि पीएम2.5 ,एनओएक्स और ओ3 प्रदूषक मानव स्वास्थ्य में अहम प्रभाव डालते हैं। ये खासतौर पर खतरनाक वायु प्रदूषक हैं जो लगातार संपर्क में रहने से श्वसन संबंधी बीमारियां पैदा करते हैं और फेफडों को क्षतिग्रस्त करते हैं। वहीं लंबे समय तक इनके संपर्क में रहने से हार्ट अटैक और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।’’ 

Latest India News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement