नई दिल्ली: सरकार की एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करने की योजना के साथ राजस्व विभाग के समक्ष 60,000 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की एक बड़ी चुनौती है। विभाग ने अबतक केवल 3,074 कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया है।
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नेशनल आकदमी आफ कस्टम, एक्साइज और नारकोटिक्स (एनएसीईएन) को केंद्र एवं राज्यों के अधिकारियों के प्रशिक्षण की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। अगले कुछ महीनों में 60,000 अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।
एनएसीईएन के ताजा आंकड़े (23 सितंबर तक) के तहत अबतक 60,000 के मुकाबले 3,074 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। सरकार ने अगले साल अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की योजना बनायी है।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन नजीब शाह ने अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा, नि:संदेह हमारे समक्ष बड़ी चुनौती है क्योंकि नये कानून के बारीकियों और प्रावधानों को सीख रहे हैं। हमें उन बदलावों को स्वीकार करना होगा और नई कर व्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिये मौजूदा प्रशासनिक ढांचे को पुनर्गठित करना होगा।
जीएसटी नेटवर्क में सीबीईसी अधिकारियों को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है। जीएसटी नेटवर्क नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का आईटी आधार है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संसदीय सलाहकार समिति की बैठक को कल संबोधित करते हुए कहा कि सरकार जीएसटी के एक अप्रैल 2017 से क्रियान्वयन के लिये काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अबतक सरकार निर्धारित लक्ष्य के तहत जीएसटी के क्रियान्वयन के लिये रूपरेखा का अनुपालन कर रही है।