Friday, April 19, 2024
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‘दुल्हन होने के लिए महिला होना जरूरी नहीं’, उच्च न्यायालय ने कहा

मद्रास उच्च न्यायालय की एक पीठ ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में कहा कि हिंदू विवाह कानून के मुताबिक एक ट्रांससेक्सुअल (पारलिंगी) भी “दुल्हन” है और यह परिभाषा आवश्यक नहीं कि केवल एक महिला के संदर्भ में ही हो।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: April 23, 2019 17:59 IST
High court says transwoman is also a bride under Hindu...- India TV Hindi
High court says transwoman is also a bride under Hindu Marriage Act 

मदुरै: मद्रास उच्च न्यायालय की एक पीठ ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में कहा कि हिंदू विवाह कानून के मुताबिक एक ट्रांससेक्सुअल (पारलिंगी) भी “दुल्हन” है और यह परिभाषा आवश्यक नहीं कि केवल एक महिला के संदर्भ में ही हो। न्यायमूर्ति जी आर स्वीमानाथन ने एक पुरुष और एक ट्रांसवुमन की तरफ से दायर याचिका पर यह फैसला दिया। 

याचिकाकर्ताओं ने अदालत का रुख तब किया जब अधिकारियों ने पिछले साल अक्टूबर में तूतीकोरिन में हुई उनकी शादी को पंजीकृत करने से इनकार कर दिया था। याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने पंजीकरण विभाग के अधिकारियों को याचिकाकर्ताओं की शादी पंजीकृत करने का निर्देश दिया। 

न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने ट्रांसजेंडर (किन्नर) लोगों की दशा पर चिंता जताते हुए कहा कि उनको कलंक मान लिया जाता है तथा उन्हें अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने तमिलनाडु सरकार को अंतर लैंगिक शिशुओं एवं बच्चों पर लिंग पुनर्निर्धारण सर्जरी करने को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए।

महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय के फैसलों का हवाला देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि ‘दुल्हन’ शब्द का स्थिर या अपरिवर्तनीय अर्थ नहीं हो सकता और इसमें ट्रांसवुमैन को शामिल करना होगा।

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