Sunday, May 05, 2024
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कोरोना वायरस का AY.4.2 वेरिएंट कितना खतरनाक? INSACOG ने दी जानकारी

INSACOG देश की 28 प्रयोगशालाओं का संघ है, जिसे कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी2 वायरस में जीनोम उत्परिवर्तनों पर निगरानी के लिए दिसंबर 2020 में गठित किया गया था। यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन पूरे भारत में काम करता है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 07, 2021 16:59 IST
कोरोना वायरस का AY.4.2 वेरिएंट कितना खतरनाक? INSACOG ने दी जानकारी- India TV Hindi
Image Source : PTI कोरोना वायरस का AY.4.2 वेरिएंट कितना खतरनाक? INSACOG ने दी जानकारी

नई दिल्ली: भारतीय सार्स-सीओवी2 जीनोमिक्स संघ (INSACOG) ने कहा है कि कोविड-19 के नए एवाई 4.2 स्वरूप की तीव्रता सभी चिंताजनक स्वरूपों (वीओआई/वीओसी) की तीव्रता से 0.1 प्रतिशत कम है और इस बार यह इतना चिंताजनक नहीं है। INSACOG ने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में यह जानकारी दी। 

INSACOG ने कहा कि कोरोना वायरस के अन्य डेल्टा स्वरूपों की तुलना में एवाई 4.2 के लिए टीके का प्रभाव अलग नहीं दिखता। INSACOG ने कहा, ‘‘एवाई 4.2 की संक्रामक क्षमता अधिक होने के लिए इस समय कोई जैविक आधार नहीं है।’’ 

हालांकि देश में कोरोना का डेल्टा B.1.617.2 और AY.x वेरिएंट अब भी चिंताजनक है। INSACOG ने कहा कि डेल्टा (B.1.617.2 और AY.x) भारत में अब भी नए वैरिएंट आफ कंसर्न (VOC) या वैरिएंट आफ इंट्रेस्ट (VOI) बने हुए हैं।

भारत में सबसे पहले पिछले साल अक्टूबर में सामने आया कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप देश में कोरोना वायरस की विनाशकारी दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था। यह लहर अप्रैल और मई में चरम पर थी। 

क्या है INSACOG?

INSACOG देश की 28 प्रयोगशालाओं का संघ है, जिसे कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी2 वायरस में जीनोम उत्परिवर्तनों पर निगरानी के लिए दिसंबर 2020 में गठित किया गया था। यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन पूरे भारत में काम करता है।

शुरू में इस संघ में 10 प्रयोगशालाएं थीं। बाद में INSACOG के तहत प्रयोगशालाओं की संभावना का विस्तार किया गया था और वर्तमान में इसमें 28 प्रयोगशालाएं हैं, जो SARS-CoV-2 में जीनोमिक वेरिएशन की निगरानी करती हैं।

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