नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के टीके के विकास के लिए सहयोग की संभावना तलाशने को लेकर रूस की सरकार के साथ बातचीत की जा रही है। उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। चौबे ने कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सूचित किया है कि रूस में कोरोना वायरस का एक टीका विकसित किया गया है और उसे मंजूरी मिली है। मंत्री के मुताबिक, आईसीएमआर ने भी यह सूचित किया है कि दुनिया भर में 36 टीकों पर काम चल रहा है।
हाल ही में हुआ एक करार
गौरतलब है कि हाल ही में रूस के सॉवरेन वैल्थ फंड रशियन डॉयरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड यानि RDIF ने भारत की डॉ रेड्डीज लैब के साथ एक खास करार किया है। करार के तहत रूस द्वारा डेवलप की जा रही स्पूतनिक-V वैक्सीन के भारत में ट्रायल और डिस्ट्रीब्यूशन का कार्य डॉ रेड्डीज लैब करेगी। इस समझौते के तहत RDIF देश में 10 करोड़ वैक्सीन की डोज़ की सप्लाई करेगी। RDIF इसके साथ 4 अन्य भारतीय कंपनियों के साथ बात कर रही है जो भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन करेंगी।
कोरोना प्रबंधन में उपयोगी है आयुष चिकित्सा प्रणाली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि आयुष चिकित्सा प्रणाली कोविड-19 के प्रबंधन में उपयोगी है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि आयुष की संबंधित चिकित्सा प्रणालियों के प्रेक्टिशनर्स के लिए दिशानिर्देश तैयार किये गये हैं जिन पर आयुष मंत्रालय के अनुसंधान और विकास कार्यबल ने मुहर लगाई है। उन्होंने कहा कि आयुष संजीवनी मोबाइल ऐप भी मंत्रालय की ओर से जारी किया गया ताकि कोविड-19 की रोकथाम के लिए जनता के बीच आयुष संबंधी उपायों को लेकर आंकड़े जुटाये जा सकें।
भारत में करीब 92% मामले हल्के लक्षण वाले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हाल ही में राज्यसभा में कहा था कि रत में करीब 92 प्रतिशत मामले हल्के लक्षण वाले हैं और केवल 5.8 प्रतिशत मामलों में ऑक्सीजन थैरेपी की जरूरत पड़ी वहीं 1.7 प्रतिशत मामले आईसीयू वाले रहे। उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाने सहित सरकार द्वारा समय पर लिये गये फैसलों से संक्रमण के करीब 14-29 लाख मामलों को रोकने में और 37,000-38,000 लोगों को मौत से बचाने में मदद मिली।