Thursday, April 25, 2024
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मालाबार युद्धाभ्यास का दूसरा चरण आज से, दुनिया के सबसे बड़े युद्धपोत निमित्ज के साथ शामिल होगा अमेरिका

क्वाड देशों के इस मालाबार युद्धाभ्यास का दूसरा चरण है। इसमें भारत के अलावा आस्ट्रेलिया, जापान के साथ अमेरिका भी शामिल है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 17, 2020 7:25 IST
Nimitz- India TV Hindi
Image Source : FILE Nimitz

नई दिल्ली। दुनिया की चार बड़ी समुद्री ताकतें आज से पाकिस्तानी समुद्री सीमा के नज़दीक अरब सागर में मालाबार युद्धाभ्यास के लिए मिल रही हैं। क्वाड देशों के इस मालाबार युद्धाभ्यास का दूसरा चरण है। इसमें भारत के अलावा आस्ट्रेलिया, जापान के साथ अमेरिका भी शामिल है। आज से शुरू हो रहे इस चार दिवसीय मालाबार युद्धाभ्यास में अमेरिकी नौसेना में शामिल दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत निमित्ज भी शामिल होगा। इसके अलावा भारतीय नौसेना का विक्रमादित्य स्ट्राइक ग्रुप भी इस युद्धाभ्यास में शामिल होगा। 

अधिकारियों ने बताया कि इस युद्धाभ्यास के दौरान ‘क्वाड’ समूह के देशों की नौसेनाओं द्वारा मिलकर कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए समन्वित अभियान का अभ्यास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मालाबार युद्धाभ्यास का पहला चरण 3 से 6 नवंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में संपन्न हुआ और इस दौरान पनडुब्बी युद्ध और समुद्र से हवा में मार करने की क्षमता का अभ्यास किया गया। 

भारत और चीन के मध्य लद्दाख में छह महीने से अधिक लंबे सीमा पर गतिरोध की स्थिति में मेगा अभ्यास हो रहा है, जिसने दोनों देशों के बीच संबंधों को काफी तनावपूर्ण बना दिया है।

नौसेना के एक बयान में कहा गया है, "अभ्यास मालाबार का दूसरा चरण 17 से 20 नवंबर तक उत्तरी अरब सागर में आयोजित किया जाएगा," यह एक बयान में कहा गया है कि यह विक्रमादित्य वाहक वॉर ग्रुप और निमित्ज़ वाहक स्ट्राइक ग्रुप के आसपास केंद्रित है।

नौसेना ने कहा कि यह युद्धाभ्यास समुद्री मुद्दे पर चार जीवंत लोकतांत्रिक देशों के बीच समन्वय बढाने के लिए और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुली, समावेशी और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दिखाने के लिए है। 

एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए बताया कि इस युद्धाभ्यास में परमाणु ईंधन से चलने वाली यूएसएस निमित्ज के नेतृत्व में अमेरिकी हमलावर समूह हिस्सा लेगा जिससे अभ्यास के प्रभाव में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यूएसएस निमित्ज दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत है। यह युद्धक समूह विशाल नौसेना बेड़ा है जिसमें विमान वाहक पोत के साथ-साथ बड़ी संख्या में डेस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और अन्य पोत शामिल हैं। इस युद्धाभ्यास में निमित्ज के साथ क्रूजर प्रिंसटन और डेस्ट्रॉयर स्टरेट और पी8एम समुद्री टोही विमान शामिल होंगे।

आईएनएस विक्रमादित्य के अलावा हवाई इकाई के हेलीकॉप्टर, डेस्ट्रॉयर कोलकाता और चेन्नई, स्टील्थ फ्रिगेट तलवार और सहायक पोत दीपक भी इस युद्धाभ्यास में भारत की ओर से शामिल होंगे। भारतीय दल का नेतृत्व रियर एडमिरल और पश्चिमी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कृष्ण स्वामीनाथन करेंगे। मालाबार युद्धाभ्यास के दूसरे चरण में देश में ही निर्मित पनडुब्बी खंडेरी और पी8आई समुद्री टोही विमान भी भारतीय नौसेना की ओर से अपनी क्षमता का परिचय देंगे। 

उल्लेखनीय कि पिछले महीने भारत ने ऑस्ट्रेलिया के भी मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल होने की घोषणा की थी, जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के सैन्य विस्तार का मुकाबला करने के लिए इसे क्वाड के चार सदस्य देशों का अभ्यास बना दिया। चीन मालाबार युद्धाभ्यास के उद्देश्य को लेकर सशंकित रहता है और महसूस करता है कि यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए है। गौरतलब है कि मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत 1992 में अमेरिका के साथ हिंद महासागर में द्विपक्षीय युद्धाभ्यास के तौर पर हुई थी। वर्ष 2015 में जापान इस युद्धाभ्यास का स्थायी हिस्सा बना।

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