Thursday, April 25, 2024
Advertisement

क्या भगवान के भजन से होता है ध्वनि प्रदूषण? रात में भजन-कीर्तन को 'नो परमिशन'

मंदिरों की आरती, माता का जागरण और घर के पूजा पाठ से क्या ध्वनि प्रदूषण होता है? क्या अजान की आवाज़ लोगों को परेशान करती है?

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 01, 2017 19:55 IST
bhajan- India TV Hindi
bhajan

नई दिल्ली: मंदिरों की आरती, माता का जागरण और घर के पूजा पाठ से क्या ध्वनि प्रदूषण होता है? क्या अजान की आवाज़ लोगों को परेशान करती है? सवाल बड़ा है और इसी सवाल का जवाब यूपी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में बताना है क्योंकि हाईकोर्ट में एक पिटीशन डाली गई है जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेश की सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का पालन नहीं करा पा रही है, जिसमें ये कहा गया है कि रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर नहीं बजेंगे।

दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक पीआईएल दाखिल हुई है। पीआईएल में हवाला दिया गया है  लाउड स्पीकर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का जो साल 2000 में जारी हुआ था। साल 2000 में सुप्रीम कोर्ट ने लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर एक आदेश जारी किया था, जिसके मुताबिक रात 10 से सुबह के 6 बजे तक लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर रोक की बात कही गई थी। लेकिन उस फैसले को करीब 17 साल का समय गुजरने को है और आज तक सरकार लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर अब तक कोई भी सख्त फैसला नहीं ले सकी है।

अजान पर बवाल....अब भजन पर सवाल

कोर्ट के फैसले और सरकार के रुख को लेकर इंडिया टीवी ने धर्मगुरुओं और मंदिरों के पुजारियों से ये जानने की कोशिश की कि आखिर क्या होगा इस फैसले का असर। अयोध्या के संतों का कहना है कि भला भक्ति के नारों और भजनों से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है। इनका मानना है कि भक्ति और पूजा का कोई वक्त नहीं होता। लोग जब चाहें, पूजा करें। जाहिर है, कोर्ट का फैसला आएगा तो वो मंदिरों के साथ-साथ मस्जिदों के होने वाले अजान पर भी पड़ेगा। ऐसे में मुस्लिम धर्मगुरुओं का भी मानना यही है कि अजान आस्था का मुद्दा है और इसे ध्वनि प्रदूषण या शोर से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

17 साल पुरानी लाउडस्पीकर की लड़ाई

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंदिर और मस्जिद में देर रात लाउडस्पीकर बजाने को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश के गृह सचिव, मुख्य सचिव और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के प्रमुख को तलब किया था। हाई कोर्ट ने सवाल किया है कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर दिए गए आदेशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। यहां आपको ये भी बता दें कि लाउडस्पीकर को लेकर आखिर दिशा-निर्देश क्या हैं-

  • रात 10 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
  • सभी लाउडस्पीकरों में साउंड लिमिटर लगा होना चाहिए।
  • अस्पताल, नर्सिंग होम, शिक्षण संस्थान और कोर्ट परिसर के 100 मीटर के दायरे में किसी भी वक्त लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं होना चाहिए।

साल 2000 से सरकार के पास आदेश है। मोतीलाल यादव नाम के एक याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में पिटीशन डाली थी। इस मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement