Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. मुस्लिम नेताओं ने अयोध्या पर फैसले को स्वीकार किया, शांति का आह्वान किया

मुस्लिम नेताओं ने अयोध्या पर फैसले को स्वीकार किया, शांति का आह्वान किया

मुंबई के मुस्लिम नेताओं ने शनिवार को अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार किया और अपने समुदाय के सदस्यों से शांति एवं सौहार्द बनाये रखने की अपील की।

Reported by: Bhasha
Published : November 09, 2019 14:28 IST
मुस्लिम नेताओं ने अयोध्या पर फैसले को स्वीकार किया, शांति का आह्वान किया- India TV Hindi
मुस्लिम नेताओं ने अयोध्या पर फैसले को स्वीकार किया, शांति का आह्वान किया

मुंबई: मुंबई के मुस्लिम नेताओं ने शनिवार को अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार किया और अपने समुदाय के सदस्यों से शांति एवं सौहार्द बनाये रखने की अपील की। उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को सर्वसम्मति से लिये गये फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किया और केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर नयी मस्जिद के निर्माण के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ की जमीन आवंटित की जाए। 

Related Stories

ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल के महासचिव मौलाना महबूब दरयादी ने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि अदालत में सुनवाई पूरी हो गयी। हम कहते आ रहे हैं कि जो भी फैसला आएगा, हम स्वीकार करेंगे। हम उच्चतम न्यायालय के अंतिम निर्णय को स्वीकार करते हैं। हम इस बात से भी खुश हैं कि उच्चतम न्यायालय ने शिया वक्फ बोर्ड तथा निर्मोही अखाड़े की अपील को खारिज कर दिया। हम सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने की बात स्वीकार करते हैं।’’ 

खोजा शिया जमात के वरिष्ठ सदस्य शब्बीर सोमजी ने कहा कि उन्होंने देश के हित में फैसला स्वीकार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘फैसला सभी समुदायों को कबूल होना चाहिए। हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करेंगे जो देश के हित में है।’’ 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना सैयद अथरली ने कहा, ‘‘हमें देश में कानून व्यवस्था बनाकर रखनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि शांति बनी रहे। हमें उच्चतम न्यायालय के आदेश को स्वीकार करना चाहिए।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का विकल्प खुला है। हम इस बारे में विचार करेंगे। 

माहिम दरगाह के प्रबंध ट्रस्टी तथा हाजी अली दरगाह के ट्रस्टी सुहैल खंडवानी ने कहा, ‘‘गर्व की बात है कि भारतीयों ने शीर्ष अदालत के अंतिम आदेश को स्वीकार कर लिया है। उच्चतम न्यायालय ने संतुलित फैसला सुनाया है। यह फैसला किसी धर्म विशेष के पक्ष में नहीं है। फैसले से संदेश गया है कि भारत जाति और वर्ण से ऊपर है।’’ धार्मिक विद्वान हजरत मुइन मियां ने कहा कि पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का विकल्प खुला है, लेकिन वह समाज की बेहतरी के लिए फैसले को स्वीकार कर रहे हैं।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement