Saturday, April 20, 2024
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Rajat Sharma’s Blog । हिम्मत न हारें, कोरोना से जंग जीतकर रहेंगे

देशभर में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के कुल 2,95,041 नए मामले सामने आए। यह कोरोना के ताजा मामलों में अब तक का सबसे बड़ा उछाल है। इसके साथ ही देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 21,57,538 हो गई है। मंगलवार को इस घातक वायरस ने 2,023 लोगों की जान ले ली।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 21, 2021 15:48 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma

देशभर में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के कुल 2,95,041 नए मामले सामने आए। यह कोरोना के ताजा मामलों में अब तक का सबसे बड़ा उछाल है। इसके साथ ही देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 21,57,538 हो गई है। मंगलवार को इस घातक वायरस ने 2,023 लोगों की जान ले ली। इस तरह अबतक कोरोना से मरनेवालों की कुल संख्या 1,82,553 हो गई है। वहीं अबतक देशभर में कुल 13.01 करोड़ लोगों वैक्सीन दी जा चुकी है।

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ये आंकड़े वास्तव में डरानेवाले हैं। जिस रफ्तार से कोरोना वायरस महामारी फैल रही है उसे देखकर ऐसा लगता है कि गुरुवार तक कोरोना के रोजाना मामले तीन लाख के आंकड़े को छू सकते हैं। मंगलवार रात देश के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने माना कि यह महामारी पूरे देश में एक तूफान की तरह बह रही है। लेकिन उन्होंने लोगों से यह अपील की कि वे विपत्ति के समय अपना हौंसला नहीं खोएं। उन्होंने कहा, 'जो भी जरूरी कदम है हम उसे बिना हिम्मत हारे उठाएंगे और इसी तरह हम जीतेंगे।'

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपने इलाकों में छोटी-छोटी कमेटियों का गठन करें और यह कमेटी कोरोना को लेकर लोगों के अनुशासन पर नजर रखे और हर किसी से इसका पालन कराए। पीएम मोदी ने राज्यों से कहा कि वे लॉकडाउन का इस्तेमाल आखिरी विकल्प के तौर पर करें। उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि वे प्रवासी कामगारों को अपने कार्यस्थल पर लौटने के लिए समझाएं और इस बात का भरोसा दिया कि उन्हें वैक्सीन भी लगेगी और वे अपनी नौकरी नहीं खोएंगे। मोदी ने कहा कि मरीजों की जान बचाने और हर अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए केंद्र, राज्य और प्राइवेट सेक्टर हाथ मिला रहे हैं।

पीएम मोदी के भाषण से निश्चित तौर पर आम आदमी का मनोबल बढ़ेगा जो मौजूदा समय में कोरोना महामारी के चलते काफी गिर चुका है। मेरी लोगों से अपील है कि वे लोकल लेवल पर कमेटी बनाएं और कोविड के गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराएं। इससे कोरोना वायरस की चेन जल्द से जल्द तोड़ी जा सकेगी। मोदी के भाषण से निश्चित तौर पर उन कामगारों और मजदूरों का तनाव कम होगा जो रोजाना के काम से अपना जीवन यापन करते हैं और भविष्य में लॉकडाउन की आशंका उनके मन में घर कर रही थी।

प्रधानमंत्री ने लोगों से तथ्यों को छिपाने की कोशिश नहीं की। उन्होंने यह माना कि चुनौती बहुत बड़ी है, लाखों लोग पीड़ित हैं। उन्होंने माना कि लोगों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाइयों और अस्पतालों में बेड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उनके भाषण की सबसे अहम बात थी-आइए हम सब धैर्य रखें, हम इस लड़ाई को साथ मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे।

इस बीच दिल्ली के कुछ बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन के संकट का समाधान मंगलवार देर रात निकाल लिया गया। एलएनजेपी, जीटीबी और अन्य अस्पतालों में ऑक्सीजन टैंकरों की आपूर्ति के साथ ही एक बड़ा संकट टल गया। सर गंगा राम अस्पताल में आज सुबह तक 10,500 घन मीटर ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। ये ऑक्सीजन गुरुवार सुबह 9 बजे तक चलेगी। अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि इंडियन ऑक्सीजन और आईनॉक्स ने आज और ज्यादा ऑक्सीजन टैंकर भेजने का वादा किया है।

यह सच है कि दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से ऑक्सीजन की कमी का संकट पैदा हुआ। ये अस्पताल पहले से ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार नहीं थे। आनेवाला हफ्ता दिल्ली के लिए बेहद अहम होगा जब यह महामारी अपने पीक (चरम) पर होगी। आईसीएमआर के पूर्व प्रमुख डॉ. एन.के. गांगुली के मुताबिक यह महामारी दिल्ली में करीब-करीब अपने पीक पर पहुंच चुकी है और यदि लॉकडाउन रहता है तो रोजाना के मामलों थोड़ी गिरावट हो सकती है। यहां तक कि अमेरिका को भी इसी तरह की पॉजिटिविटी रेट और डेथ रेट (मृत्यु दर) का सामना करना पड़ा था और बाद में ग्राफ नीचे आया था।

विशेषज्ञों को उम्मीद है कि मई के दूसरे हप्ते के बाद यह महामारी धीरे-धीरे कम होने लगेगी। एम्स के डॉ. युद्धवीर सिंह का भी यही मानना है कि कोरोना के मामलों में अभी तेज गति से वृद्धि हो रही है इसमें अप्रैल के आखिरी हफ्ते में कमी हो सकती है क्योंकि अभी यह अपने पीक पर है और पॉजिटिविटी रेट 33 प्रतिशत है।

इस बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार रात को घोषणा की कि आयातित रेमेडिसविर एपीआई, इंजेक्शन और उसके इनपुट को ड्यूटी फ्री (शुल्क मुक्त) कर दिया गया है। इससे सस्ती कीमत पर इस महत्वपूर्ण दवा की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी। उधर, केंद्र द्वारा 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगाने की इजाजत देने के बाद अब यह सभी के लिए खुला हुआ है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था अगर 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन देने की इजाजत केंद्र से मिलती है तो वे तीन महीने के अंदर दिल्ली के हर नागरिक का वैक्सीनेशन करा देंगे।

मौजूदा समय में इस महामारी को लेकर मेरा विचार है कि हमें डरना या घबराना नहीं है। घर में रहना इस संकट का मुकाबला करने का सबसे सुरक्षित तरीका है। जो लोग मास्क पहनते हैं वे निश्चित तौर पर खुद को इस वायरस से बचा पाएंगे। पिछले साल हमने देखा है कि किस तरह से पूरे देश ने एक होकर इसका मुकाबला किया, कोविड के गाइडलाइंस का पालन किया और इसे हराने में सफल रहे थे। लेकिन बाद के दिनों में हमने सुस्त और गैरजिम्मेदाराना रवैये अपनाया।

ये भी सच है कि कोरोना का यह डबल म्यूटेंट वायरस काफी तेजी से फैलता है और बेहद घातक है। लेकिन हमारे डॉक्टर्स ने ऐसे वैरिएंट से मुकाबला करने में विशेषज्ञता हासिल कर ली है। और उनके अथक प्रयास का रिजल्ट भी सामने आ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर हम सभी कोविड गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करें तो अगले दो से तीन हफ्ते में इस जंग को जीत लेंगे। भारत जीतेगा और कोरोना हारेगा।

देश में एक मई से युद्धस्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा। ठीक इजरायल की तरह, जहां आधी आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है, स्कूल खोलने की इजाजत दे दी गई और मास्क पहनना वहां अनिवार्य नहीं रह गया है। भारत में भी जल्द ही ऐसा दिन आएगा। हमारा देश बहुत विशाल है। 137 करोड़ की आबादी वाला यह देश काफी बड़ा है। यह जंगल, पहाड़, घाटी, दलदल, मैदान और रेगिस्तान तक फैला हुआ है। निश्चत तौर पर ऐसे देश में वैक्सीनेशन एक बड़ा काम है। देश के हर नागरिक को वैक्सीन लगे इसमें समय लगेगा। लेकिन हमें ऐसा करना है। हम इस जंग को जीतेंगे, फिर सारे प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे। इसलिए हिम्मत मत हारिए। इस खूबसूरत गीत को गुनगुनाइए: मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब एक दिन। 

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