Thursday, March 28, 2024
Advertisement

रिटायर होने से पहले 19 दिन में 11 बड़े फैसले करेंगे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा

एक अन्य महत्वपूर्ण आदेश राजनेताओं के आपराधिक मामले में आ सकता है जिसमें यह तय होगा कि आपराधिक मामलों में राजनेता को किस स्तर पर चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया जाएगा।

IANS Reported by: IANS
Published on: September 04, 2018 7:26 IST
रिटायर होने से पहले 19 दिन में 11 बड़े फैसले करेंगे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा- India TV Hindi
रिटायर होने से पहले 19 दिन में 11 बड़े फैसले करेंगे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा

नई दिल्ली: न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के सर्वोच्च न्यायालय के अगले प्रधान न्यायाधीश बनने की अटकलों के बीच अदातल के अगले 19 कार्यदिवस में आधार, अयोध्या विवाद मामला, साबरीमाला मंदिर में रजस्वला महिलाओं के प्रवेश पर रोक का मामला, व्यभिचार कानून में भेदभाव का मामला और एससी/एसटी के लिए प्रोन्नति में आरक्षण समेत कई महत्वपूर्ण मसलों पर फैसले सुनाए जाएंगे।

एक अन्य महत्वपूर्ण आदेश राजनेताओं के आपराधिक मामले में आ सकता है जिसमें यह तय होगा कि आपराधिक मामलों में राजनेता को किस स्तर पर चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया जाएगा। इस फैसले से आपराधिक रिकॉर्ड वाले राजनेताओं को दूर रखकर विधायिका को स्वच्छ बनाया जाएगा।

इन सभी मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के फैसले का इंतजार है। प्रधान न्यायाधीश मिश्रा का सर्वोच्च न्यायालय में अंतिम कार्यदिवस एक अक्टूबर 2018 होगा क्योंकि वह दो अक्टूबर 2018 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और इस दिन महात्मा गांधी की जयंती होने के कारण अवकाश है।

इन 19 दिनों में दाउदी बोहरा समुदाय में महिलाओं का खतना की परंपरा को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई पूरी होगी। इसके साथ ही, पारसी महिला से संबंधित मामले पर भी सुनवाई पूरी होगी जिसमें यह तय होगा कि क्या गैर-पारसी से शादी करने पर पिता के अंतिम संस्कार समेत समुदाय के धार्मिक गतिविधियों में महिला को वंचित किया जाना चाहिए।

बोहरा समुदाय में महिलाओं का खतना करने की पंरपरा पर केंद्र सरकार ने कहा है कि यह शारीरिक पूर्णता भंग करने वाला कृत्य है जोकि निजता और सम्मान के अधिकार का हिस्सा है।

अयोध्या मामले में सवाल यह है कि 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाले मामले की सुनवाई तीन न्यायाधीशों की पीठ करेगी या इससे बड़ी पीठ। मुस्लिम वादियों की ओर से दलील दी गई है कि सुनवाई बड़ी पीठ द्वारा की जानी चाहिए।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement