Wednesday, April 17, 2024
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अनुच्छेद 370 रद्द करने से जम्मू-कश्मीर की समस्या का नहीं हुआ समाधान: मोहन भागवत

संघ प्रमुख ने कहा कि पिछले महीने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देखा कि जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम छात्रों का कहना था कि वे भारत का हिस्सा बने रहना चाहते हैं और अब वे बिना किसी बाधा के भारतीय बने रह सकते हैं।

Bhasha Written by: Bhasha
Updated on: October 18, 2021 18:01 IST

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के बाद भी समस्या पूरी तरह हल नहीं हुई है और अब भी वहां की आबादी का एक हिस्सा आजादी की बात करता है।

नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान भागवत ने कहा कि समाज को आबादी के इस हिस्से तक पहुंचना चाहिए ताकि उन्हें भारत के साथ एकीकृत किया जा सके। भागवत ने कहा कि उन्होंने हाल में जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था और पाया कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए जाने से विकास का रास्ता साफ हुआ है।

संघ प्रमुख ने कहा कि पिछले महीने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देखा कि जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम छात्रों का कहना था कि वे भारत का हिस्सा बने रहना चाहते हैं और अब वे बिना किसी बाधा के भारतीय बने रह सकते हैं।

भागवत ने आरोप लगाया कि पूर्व में जम्मू और लद्दाख को भेदभाव का सामना करना पड़ता था और कश्मीर घाटी में खर्च होने वाले संसाधनों का 80 फीसदी हिस्सा स्थानीय नेताओं की जेब में चला जाता था और लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पाता था। उन्होंने दावा किया कि अब इसमें बदलाव आया है और वहां लोगों के जीवन में खुशहाली आयी है।

RSS प्रमुख ने कहा, ''अपने बच्चों के हाथों में किताबों की जगह पत्थर पकड़ाने वाले लोगों ने उनकी (आतंकवादियों) सराहना बंद कर दी है। अब वहां खुला माहौल है। आने वाले कल में वहां चुनाव होंगे और नयी सरकार का गठन होगा।'' 

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