Wednesday, April 17, 2024
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वसीम रिजवी ने कहा-हिंदुओं को वापस हों मंदिरों को तोड़कर बनाई मस्जिदें, भड़के देवबंदी उलमा

वसीम रिज़वी ने इस चिट्ठी में लिखा है कि किसी भी क़ब्ज़ाई ज़मीन पर इबादतगाह बनाना शरीयत के ख़िलाफ़ है और वहां नमाज़ अदा नहीं हो सकती है। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसन नदवी को चिट्ठी लिखी है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 01, 2018 9:07 IST
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वसीम रिजवी ने कहा-हिंदुओं को वापस हों मंदिरों को तोड़कर बनाई मस्जिदें, भड़के देवबंदी उलमा

नई दिल्ली: जिस भी जमीन पर मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है उसे हिंदुओं को वापस कर देना चाहिए, ये कहना है शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी का। उन्होंने चिट्ठी लिखकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से अपील की है। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के द्वारा लिखी इस चिट्ठी में देश के 9 मंदिरों का जिक्र किया गया है जिन्हें तोड़कर कभी मस्जिदों का निर्माण कराया गया था। वसीम ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को चिट्ठी लिखकर इन जगहों को हिंदुओं को वापस किए जाने की मांग की है। ये मंदिर हैं- राम मंदिर, अयोध्या, यूपी; केशव देव मंदिर, मथुरा, यूपी; अटाला देव मंदिर, जौनपुर, यूपी; रूद्र महालया मंदिर, बाटन, गुजरात; काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी, यूपी; भद्रकाली मंदिर, अहमदाबाद, गुजरात; अदीना मस्जिद, पंडुवा, पश्चिम बंगाल; विजया मंदिर, विदिशा, मध्य प्रदेश और मस्जिद क़ुतबुल इस्लाम, क़ुतुब मीनार, दिल्ली।

वसीम रिज़वी ने इस चिट्ठी में लिखा है कि किसी भी क़ब्ज़ाई ज़मीन पर इबादतगाह बनाना शरीयत के ख़िलाफ़ है और वहां नमाज़ अदा नहीं हो सकती है। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसन नदवी को चिट्ठी लिखी है। मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर तुड़वा कर मस्जिद बनवाया था। रिज़वी ने इस मस्जिद को हिंदुओं को सौंप देने को कहा है।

वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता जफरयाब जिलानी कहतें हैं कि देश में एक एक्ट बना हुआ है जिसमें ये लिखा है कि आजादी के वक्त जो इमारत जिस शक्ल में है उसे वैसे ही माना जाएगा, तो वसीम रिजवी की ये चिट्ठी कोई मायने नहीं रखती। अभी तक तो  ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को इस चिट्ठी की कोई जानकारी नहीं है और अगर ये चिट्ठी उनके पास आएगी तो वो एसएसपी से इस मामले की शिकायत करेंगे।

दूसरी ओर वसीम रिजवी द्वारा लिखी इस चिट्ठी पर देवबंदी उलमा भड़क गए हैं। उनका कहना है कि वसीम रिजवी पर जो केस चल रहे हैं उनसे बचने के लिए भाजपा को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं। दारुल उलूम निस्वाह के मोहतमिम मौलाना अब्दुल लतीफ का कहना है कि वसीम रिजवी इस तरह के बयान देने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उनके ऊपर जो केस चल रहे हैं उससे बचने के लिए वो इस तरह की बयानबाजी कर भाजपा को खुश करना चाहते हैं। मुफ्ती अथर कासमी का कहना है कि वसीम रिजवी ने जो कहा है वो उसे साबित करके दिखाएं कि वो कौन सा मंदिर है जिसे मुसलमानों ने तोड़कर वहां मंदिर बनाई है।

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