Sunday, April 28, 2024
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इन 48 प्रवासी मजदूरों के लिए आसान नही था एक हजार किलोमीटर का सफर

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण अंबाला से मध्य प्रदेश के रीवां तक का एक हजार किलोमीटर का सफर 48 प्रवासी श्रमिकों के लिए आसान नही था लेकिन उन्होंने मीडिया और स्थानीय लोगों का धन्यवाद किया, जिन्होंने उनके बुरे समय में काफी मदद की । 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: May 15, 2020 23:16 IST
इन 48 प्रवासी मजदूरों के लिए आसान नही था एक हजार किलोमीटर का सफर - India TV Hindi
Image Source : PTI इन 48 प्रवासी मजदूरों के लिए आसान नही था एक हजार किलोमीटर का सफर 

अलीगढ: कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण अंबाला से मध्य प्रदेश के रीवां तक का एक हजार किलोमीटर का सफर 48 प्रवासी श्रमिकों के लिए आसान नही था लेकिन उन्होंने मीडिया और स्थानीय लोगों का धन्यवाद किया, जिन्होंने उनके बुरे समय में काफी मदद की । प्रवासी श्रमिकों के समूह में 20 बच्चे और पांच महिलाएं भी शामिल हैं । एक महिला ने तो बीच रास्ते में ही बच्चे को जन्म दिया । इन प्रवासियों का सफर 14 दिन पहले शुरू हुआ था । वे अंबाला से पैदल ही चल दिेये । 

लॉकडाउन के कारण किराया नहीं दे पाने के कारण मकान मालिक ने मकान खाली करने का दबाव बनाया तो वे अपने गृह जनपद की ओर चल पडे । करीब 340 किलोमीटर का सफर तय कर वे बुधवार को यहां पहुंचे और मसूदाबाद इलाके में जीटी रोड पर बंद पडी दुकानों के बरामदों में शरण ली । वहां उनकी ओर मीडियाकर्मियों और स्थानीय लोगों का ध्यान गया । उनकी आपबीती को लेकर मीडिया में खबरें आयीं । 

सड़क किनारे बच्चे को जन्म देने वाली मान कुमारी (40) ने बताया कि भीषण गर्मी में वह नवजात को गोद में लिये करीब डेढ सौ किलोमीटर पैदल चली । बुधवार को अलीगढ पहुंचने पर उन्होंने बंद दुकानों के बरामदों में शरण ली । मान कुमारी के पति संजय ने पत्रकारों को बताया कि दोपहर में पुलिसकर्मी उन पर यहां से जाने का दबाव बनाने लगे लेकिन कुछ स्थानीय लोगों और मीडियाकर्मियों ने हस्तक्षेप किया और प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद एक सराय में उनके रहने का इंतजाम कर दिया गया । 

मान कुमारी और एक अन्य महिला फूलवती ने बताया कि रास्ते में स्थानीय लोगों ने उन्हें खाना और पानी मुहैया कराया अन्यथा वे अलीगढ नहीं पहुंच पाते । बृहस्पतिवार को समाचार चैनलों ने इन प्रवासियों की वीडियो क्लिप चलायी, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया । बृहस्पतिवार रात को ही इन प्रवासियों को रीवा के निकट सिंगरौली जिले में उनके गांवों में भेजने का प्रबंध कराया गया । एडीएम आर के मालपानी ने पीटीआई—भाषा को बताया कि जिला प्रशासन के जैसे ही प्रवासियों के बारे में सूचना मिली, उनके जाने का मुफ्त इंतजाम कराया गया । उन्हें आवश्यक भोजन और अन्य वस्तुएं भी रास्ते के लिए दी गयीं । 

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