Friday, April 19, 2024
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ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी कृत्रिम झील, मचा सकती है बड़ी तबाही, प्रशासन अलर्ट

तपोवन में हुई तबाही के बीच एक और बड़ा खतरा दस्तक दे रहा है। जानकारी के मुताबिक सात फरवरी को हुई तबाही के बाद ऋषिगंगा नदी के मुहाने पर मलबा जमा होने से नदी का बहाव रूक गया है और यहां पर एक कृत्रिम झील बन गई है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 12, 2021 12:57 IST
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Image Source : INDIA TV ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी कृत्रिम झील, मचा सकती है बड़ी तबाही, प्रशासन अलर्ट

देहरादून: तपोवन में हुई तबाही के बीच एक और बड़े खतरा दस्तक दे रहा है। जानकारी के मुताबिक सात फरवरी को हुई तबाही के बाद ऋषिगंगा नदी के मुहाने पर मलबा जमा होने से नदी का बहाव रूक गया है और यहां पर एक कृत्रिम झील बन गई है। इस झील में पानी लगातार जमा हो रहा है। माना जा रहा है अगर ऋषिगंगा के बहाव को सामान्य नहीं किया गया तो झील में काफी पानी जमा हो जाएगा और इस झील के टूटने से पूरे चमोली इलाके में भारी तबाही आ सकती है।

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दरअसल, भूगर्भशास्त्रियों ने 7 फरवरी की तबाही के बाद ऋषिगंगा के मुहाने का दौरा किया और वहां से जो रिपोर्ट दी वह बहुत डरानेवाले हैं। इन भूगर्भशास्त्रियों का दावा है कि 7 फरवरी को तबाही के बाद ऋषिगंगा नदी में एक झील बन गई है जो चमोली में फिर से तबाही मचा सकती है। श्रीनगर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. नरेश राणा उस जगह पर पहुंचे थे, जहां ये झील बनी है।

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डॉ. नरेश राणा का कहना है कि 7 फरवरी को रौंठी नदी के साथ आए मलबे से ऋषिगंगा नदी का पानी रुक गया है। जिसके बाद वहां एक झील बन चुकी है। उन्होंने प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया है और साफ कह दिया है कि अगर इस झील के पानी को धीरे-धीरे नहीं छोड़ा गया। तो आने वाले वक्त में बेहद खौफनाक अंजाम हो सकता है। 

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आपको बता दें कि  ऋषिगंगा घाटी में रविवार को लाखों मीट्रिक टन बर्फ के एक साथ फिसलकर नीचे आने से बाढ आ गयी थी जिससे ऋषिगंगा और तपोवन—विष्णुगाड परियोजनाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं और उनमें काम कर रहे लोग लापता हो गए थे। तपोवन टनल में राहत और बचाव का काम अबतक जारी है। इस आपदा में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है जबकि करीब 169 लोग अभी-भी लापता हैं।

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