Monday, May 06, 2024
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पीएम मोदी और सीएम योगी के पास पहुंची खून से लिखी चिट्ठी, मथुरा कोरिडोर को लेकर कही गई ये बात

Letter Written in Blood to PM and CM: काशी, महाकाल और अयोध्या के बाद अब मथुरा कोरिडोर बनाने के प्रस्ताव को लेकर बवाल मच गया है। इस कोरिडोर के प्रस्ताव के सामने आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से लिखी चिट्ठी भेजी गई है। इस तरह के पत्र मिलने से पीएम मोदी और सीएम योगी भी हैरान हैं।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: January 17, 2023 13:08 IST
मथुरा में सीएम योगी (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : PTI मथुरा में सीएम योगी (प्रतीकात्मक फोटो)

Letter Written in Blood to PM and CM: काशी, महाकाल और अयोध्या के बाद अब मथुरा कोरिडोर बनाने के प्रस्ताव को लेकर बवाल मच गया है। इस कोरिडोर के प्रस्ताव के सामने आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से लिखी चिट्ठी भेजी गई है। इस तरह के पत्र मिलने से पीएम मोदी और सीएम योगी भी हैरान रह गए हैं। आइए आपको बताते हैं कि इस चिट्ठी को किसने और क्यों लिखा है, चिट्ठी में कौन सी बातें कही गई हैं?

दरअसल मथुरा कोरिडोर के प्रस्ताव में स्थानीय निवासियों की दर्जनों दुकानें और मकान चौड़ीकरण की भेंट चढ़ेंगे। हालांकि सरकार ने उन्हें आकर्षक मुआवजा देना का भी ऐलान किया है। इसके बावजूद कुछ लोगों में इस कोरिडोर के बनने से अपने पुराने मकान और दुकानों के तोड़े जाने की संभावना से नाराजगी है। बांके बिहारी बाजार संघ के अध्यक्ष अमित गौतम ने मंगलवार को कहा, ''गलियारे के प्रस्तावित विकास के विरोध में सोमवार को मंदिर के आसपास के क्षेत्र में संचालित 300 से अधिक दुकानें बंद रहीं। मथुरा में बांके बिहारी मंदिर गलियारे के प्रस्तावित विकास का विरोध तेज होने के बीच स्थानीय निवासियों और दुकानदारों ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से लिखे पत्र भेजे हैं।

पुश्तैनी घरों के टूटने का विरोध

कोरिडोर के विरोध में मथुरा में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रस्तावित विकास अनावश्यक है और यह उनके पुश्तैनी घरों को लूट लेगा और उनकी आजीविका को प्रभावित करेगा। उनका कहना है कि निर्माण से क्षेत्र के विरासत मूल्य को बर्बाद कर दिया जाएगा। प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए 300 से अधिक दुकानों और घरों को तोड़ा जाना है। लोगों का कहना है कि "हमने अपने खून को स्याही के रूप में इस्तेमाल करते हुए प्रधान मंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि विकास की त्रुटिपूर्ण योजना के नाम पर क्षेत्र को बर्बाद नहीं होने दिया जाए।" उन्होंने कहा कि अगर सरकार योजना वापस नहीं लेती है तो विरोध तेज होगा। प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए आठ सदस्यीय समिति ने इस महीने की शुरुआत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर एक सर्वेक्षण पूरा किया था।

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