Saturday, May 04, 2024
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नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के बाद अब भारत में उत्तर अफ्रीका से लाए जा सकते हैं चीते

उत्तरी गोलार्द्ध स्थित उत्तरी और उत्तर पूर्वी अफ्रीका में रहने वाले चीते संभव है कि भारतीय परिस्थितियों को बेहतर तरीके से अंगीकार करें। इसपर विचार किया जा रहा है लेकिन हमें अफ्रीका के इस हिस्से में चीतों की स्थिति का आकलन करना बाकी है।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: September 27, 2023 20:38 IST
Cheetah- India TV Hindi
Image Source : फाइल चीते

नई दिल्ली: नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए कुछ चीतों की त्वचा पर यहां की गर्मी के दौरान उन्हें सर्दियों से बचाने वाले फर विकसित होने से चिंतित भारत, उत्तर अफ्रीका से और चीतों को लाने पर विचार कर रहा है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक चीतों को भारत में बसाने की योजना को लागू करने के पहले साल सबसे बड़ी चुनौती जो सामने आई है वह कुछ चीतों की त्वचा पर भारत की गर्मी और मानसून के दौरान अफ्रीका की सर्दी (जून से सितंबर) आने की आशंका के चलते फर का विकसित होना है। 

एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने कहा कि यहां तक अफ्रीकी विशेषज्ञों को भी इसकी उम्मीद नहीं थी। अधिकारी ने बताया कि त्वचा पर उगे फर ने चीतों के लिए भारत में उच्च तापमान एवं नमी युक्त मौसम ने समस्या और बढ़ा दी क्योंकि इससे उन्हें खुजली का सामना करना पड़ा जिसे दूर करने के लिए वे अपने गले को जमीन या पेड़ों के तनों से रगड़ते थे। उन्होंने बताया कि इसकी वजह से उनकी त्वचा में जख्म हुए एवं मक्खियों ने उनके जख्म में अंडे दिए जिसका नतीजा रहा कि वे जीवाणुओं से संक्रमित हुए एवं तीन चीतों की मौत हो गई। चीता परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया, ‘‘ उत्तरी गोलार्द्ध स्थित उत्तरी और उत्तर पूर्वी अफ्रीका में रहने वाले चीते संभव है कि भारतीय परिस्थितियों को बेहतर तरीके से अंगीकार करें। इसपर विचार किया जा रहा है लेकिन हमें अफ्रीका के इस हिस्से में चीतों की स्थिति का आकलन करना बाकी है। हमें उनकी सख्ंया, स्वास्थ्य स्थिति, प्रजन्न चक्र आदि का विश्लेषण करना है।’’ 

अधिकारी ने बताया कि ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने कहा कि वे उत्तरी अफ्रीका से चीते अपने देश में ले गए एवं उन्होंने भारत से भी ऐसा ही करने की सिफारिश की है। चीता परियोजना के प्रमुख एवं पर्यावरण मंत्रालय में अतिरिक्त महानिदेशक (वन) एस.पी.यादव ने कहा, ‘‘ उत्तर अफ्रीका से चीते लाने के विचार पर चर्चा की जा रही है लेकिन चीतों की अगली खेप दक्षिण अफ्रीका से आएगी।’’ उन्होंने कहा कि भारत की योजना ऐसे चीतों को देश में लाने की है जिनकी त्वचा पर घने फर न विकसित हो और इसके पीछे का कारण कुछ चीतों में फर की वजह से संक्रमण है जिसकी वजह से उनमें से तीन की मौत हो गई थी। ऐतिहासिक रूप से उत्तरी अफ्रीका में चीते पाए जाते हैं लेकिन इस क्षेत्र में उनकी संख्या में तेजी से कमी आ रही है और कई उत्तरी अफ्रीकी देशों में माना जाता है कि चीते विलुप्त हो गए हैं या विलुप्त होने के कगार पर है। (इनपुट-भाषा)

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