भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह दिखा दिया कि कैसे 50 से भी कम हथियारों से दुश्मन को बातचीत की मेज पर लाया जा सकता है। उन्होंने इसे एक ऐसा उदाहरण बताया जिसका अध्ययन किया जाना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर से बड़ा कोई उदाहरण नहीं
उन्होंने यह बात विचारक संस्था ‘सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज’ (CAPS) और ‘कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर’ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के संवाद सत्र के दौरान कही। तिवारी ने कहा, ‘हमने लाभ-हानि, खासकर हवाई शक्ति के बारे में काफी चर्चा की। मुझे लगता है कि इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं है, जैसा हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में किया।’
बाद में किया जाएगा इसका अध्ययन
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह दिखा दिया है कि कैसे 50 से भी कम हथियारों से दुश्मन को बातचीत की मेज पर लाया जा सकता है। वायु सेना उप प्रमुख ने सम्मेलन के पहले सत्र के दौरान कहा, ‘मुझे लगता है कि यह एक ऐसा उदाहरण है जिसका अध्ययन किया जाना चाहिए, और मुझे यकीन है कि बाद में इसका अध्ययन किया जाएगा।’
इस कार्यक्रम में CDS अनिल चौहान भी हुए शामिल
एयर मार्शल तिवारी ने यह टिप्पणी दर्शकों के बीच बैठकर की। इस कार्यक्रम में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान भी शामिल हुए, जिसमें भारतीय वायुसेना के कई पूर्व प्रमुख और विदेशों के कुछ रक्षा अधिकारी भी मौजूद थे। (भाषा के इनपुट के साथ)