Friday, April 19, 2024
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हांगकांग तक पहुंचे सीबीआइ के हाथ, फर्जी तरीके से विदेश भेजे गए 155 करोड़ रुपये का लगाया पता

CBI seized Rs 94 Lakh: अक्सर कहा जाता है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। इस बार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के हाथ इतने लंबे हो गए कि वह हांगकांग तक पहुंच गए और एजेसी ने फर्जी तरीके से विदेश भेजे गए 155 करोड़ रुपये का पता लगा लिया है। इनमें से 94 लाख रुपये नकद जब्त कर लिए गए हैं।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: January 21, 2023 9:54 IST
रुपये (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : PTI रुपये (प्रतीकात्मक फोटो)

CBI seized Rs 94 Lakh: अक्सर कहा जाता है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। इस बार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के हाथ इतने लंबे हो गए कि वह हांगकांग तक पहुंच गए और एजेसी ने फर्जी तरीके से विदेश भेजे गए 155 करोड़ रुपये का पता लगा लिया है। इनमें से 94 लाख रुपये नकद जब्त कर लिए गए हैं। जानकारी के अनुसार सीबीआइ ने 2014-16 के दौरान फर्जी आयात के भुगतान के रूप में हांगकांग भेजे गए 155 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध धन संबंधी तीन मामलों के तहत 18 स्थानों पर छापेमारी की और 94 लाख रुपये नकद बरामद किए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एजेंसी के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि सीबीआई 9 संस्थाओं द्वारा आठ राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से किसी वास्तविक व्यापार के बिना बिल जैसे फर्जी दस्तावेज तैयार कर धन भेजने से संबंधित तीन मामलों की जांच कर रही है। सीबीआई ने कथित हवाला कारोबारी मोहम्मद फारूक मोहम्मद हनीफ शेख, सहकारी समितियों के अज्ञात अधिकारियों और अन्य के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि मुंबई और भोपाल सहित 18 स्थानों पर छापे मारकर लगभग 94.37 लाख रुपये नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि बरामद किए गए। एजेंसी व्यापार-आधारित धन शोधन (टीबीएमएल) के पहलुओं की बैंक-वार जांच कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक (ई-सिंडिकेट बैंक) और बैंक ऑफ इंडिया से संबंधित टीबीएमएल के मामलों में अभियुक्तों द्वारा भुगतान में चूक और लेन-देन की गलत जानकारी देने की बात सामने आई है और उनके द्वारा किए गए संज्ञेय अपराध का खुलासा हुआ है।

तीन निजी कंपनियों के खातों से हांगकांग भेजे गए रुपये

सीबीआइ के अनुसार उक्त तीन बैंकों में निजी कंपनियों (सभी मुंबई में स्थित) के खातों से 105.27 करोड़ रुपये, 41.17 करोड़ रुपये और 8.69 करोड़ रुपये की राशि किसी वास्तविक व्यापार के बिना कथित रूप से भेजी गई थी, जिससे भारत सरकार को विदेशी मुद्रा का नुकसान हुआ।’’ सीबीआई की प्राथमिकियों के अनुसार, कंपनियों के नाम पर चालू खाते खोले गए, जिनमें एक ही नाम के लोगों को मालिक या निदेशक बनाया गया था। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारी मात्रा में नकदी कथित रूप से विभिन्न स्रोतों से एकत्र की गई थी और उक्त कंपनियों के बैंक खातों में जमा की गई थी। यह भी आरोप है कि वास्तविक आयात मूल्य की तुलना में अमेरिकी डॉलर का अधिक मूल्य दिखाने के लिए फर्जी प्रविष्टि बिल बनाए गए और बैंक में जमा कराए गए।’’ एजेंसी ने निजी व्यक्तियों, बहु-राज्य सहकारी समितियों के अज्ञात अधिकारियों और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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