Thursday, May 02, 2024
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तवांग में झड़प के बाद श्रीलंका पहुंचे भारत के नौसेना अध्यक्ष,जानें क्या है रणनीति

India's Navy CNS visits Shrilanka After Tawang: चीन नेपाल से लेकर श्रीलंका तक और बांग्लादेश से लेकर पाकिस्तान के रास्ते भारत की घेराबंदी कर रहा है। मगर चीन की हर हरकतों पर भारत की भी पैनी नजर है। चीन के साथ भारत की स्थिति तू डाल, डाल और मैं पात, पात की है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 14, 2022 6:19 IST
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ नौसेना अध्यक्ष एडमिरल हरि कुमार (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : PTI रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ नौसेना अध्यक्ष एडमिरल हरि कुमार (फाइल)

India's Navy CNS visits  Shrilanka After Tawang: चीन नेपाल से लेकर श्रीलंका तक और बांग्लादेश से लेकर पाकिस्तान के रास्ते भारत की घेराबंदी कर रहा है। मगर चीन की हर हरकतों पर भारत की भी पैनी नजर है। चीन के साथ भारत की स्थिति तू डाल, डाल और मैं पात, पात की है। यानी चीन जहां-जहां भारत के खिलाफ साजिश कर रहा है, तहां-तहां भारत चीन की चाल को विफल करता जा रहा है। श्रीलंका को कर्ज और मदद देने के बहाने चीन की उससे नजदीकियां काफी बढ़ी हैं। वहीं भारत ने भी श्रीलंका की मंदी के दौरान काफी मदद की है। तवांग की घटना के बाद अब भारत के नौसेना अध्यक्ष श्रीलंका के दौरे पर हैं। इस दौरान सुरक्षा और व्यापार को लेकर कई अहम रणनीति पर दोनों देशों के बीच बातचीत होगी।

भारत के नौसेनाध्यक्ष (सीएनएस), एडमिरल आर हरि कुमार श्रीलंका के चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। इस दौरान वह राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने और रक्षा राज्य मंत्री प्रेमिता बंडारा टेनाकून से मुलाकात करेंगे। वह श्रीलंकाई नौसेना कमांडर वाइस एडमिरल निशांथा उलुगेटेन के निमंत्रण पर सोमवार को कोलंबो पहुंचे। उनकी अगवानी उनके श्रीलंकाई समकक्ष रियर एडमिरल प्रियंता परेरा ने की। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने कहा, अपनी यात्रा के दौरान, सीएनएस के रक्षा सचिव, रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख और सेवा कमांडरों से मिलने की उम्मीद है और गुरुवार को वह नौसेना और समुद्री अकादमी, त्रिंकोमाली की पासिंग आउट परेड में मुख्य अतिथि होंगे।

बयान में कहा गया है, सीएनएस के यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों और घनिष्ठ सहयोग का प्रतीक है। यह दोनों देशों के बीच मौजूदा द्विपक्षीय समुद्री संबंधों और सामान्य सुरक्षा चिंता के क्षेत्रों को मजबूत करेगा। क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने की दिशा में क्षमता बढ़ाने और क्षमता निर्माण की पहल पर यात्रा के दौरान चर्चा की जाएगी। मिशन ने कहा, यह दौरा भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति के अनुरूप दोनों देशों के बीच बढ़ते सौहार्द और दोस्ती का भी संकेत है। उच्चायोग ने कहा कि जहाज श्रीलंका नौसेना के साथ प्रशिक्षण में संलग्न होगा और समुद्री साझेदारी अभ्यास में भाग लेगा।

भारतीय नौसेना ने अपनी समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अगस्त में श्रीलंकाई वायु सेना को एक समुद्री टोही विमान प्रदान करने के अलावा मार्च में वार्षिक अभ्यास एसएलआईएनईएक्स 21 के दौरान श्रीलंका नौसेना के साथ बातचीत की। भारतीय नौसेना अपने श्रीलंकाई समकक्षों को अनुकूलित और विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही है, जिसमें समुद्री प्रौद्योगिकी भी शामिल है। इस दौरान चीन को किसी भी कीमत पर भारत के खिलाफ श्रीलंका के बंदरागाहों और एयरबेस का इस्तेमाल न किए जाने समेत सुरक्षा के तमाम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

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