ईरान-इजरायल युद्ध की बढ़ती आशंका के बीच भारत-अमेरिका ने अपनी रणनीतिक साझेदारी और सतर्कता पर अधिक फोकस करना शुरू किया है। मध्य-पूर्व के हालात और रूस-यूक्रेन युद्ध के अलावा दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अशांति ने तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा बढ़ा दिया है। ऐसे में विदेश सचिव विनय क्वात्रा वाशिंगटन में हैं।
भारत के साथ अमेरिका का लगाव हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ा कारण है। इस क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका को हर हाल में भारत जैसा मजबूत देश चाहिए। इसलिए वह भारत के साथ अपनी दोस्ती को गहरा करना चाहता है।
सिंगापुर की यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल-फिलिस्तीन के मुद्दे को सुलझाने के लिए द्विराष्ट्र समाधान का विकल्प सुझाया है। भारत इस मुद्दे पर शुरू से ही दो पक्षों के बीच बातचीत से शांति पूर्वक मुद्दे का हल निकालने का सुझाव देता रहा है।
पीएम मोदी की भूटान से वापसी से पहले दोनों देशों ने कई सहमति पत्रों (एमओयू) का आदान-प्रदान किया और ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल संपर्क, अंतरिक्ष और कृषि के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही भारत-भूटान के बीच रेल संपर्क स्थापित करने पर एमओयू को अंतिम रूप दिया गया।
जर्मनी के म्यूनिख सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विभिन्न देशों के अपने विदेशी समकक्षों के साथ में मुलाकात और द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान उन्होंने भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया। साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध जैसे अन्य मुद्दों पर दुनिया के सामने अपना पक्ष रखा ।
सामाजिक सुरक्षा समझौता, देश की लंबे समय से लंबित मांग है। यह अमेरिका में भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी। इससे मेजबान देश और उस देश, जहां कर्मचारी काम करता है, दोनों में दोहरी सामाजिक सुरक्षा कटौती समाप्त हो जाएगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत और नेपाल के संबंधों को मजबूती देने के लिए 2 दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को काठमांडू पहुंच गए हैं। यहां वह अपने समकक्ष सउद से मुलाकात करने के साथ प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड और नेपाली राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से भी मिलेंगे। भारत और नेपाल के बीच घनिष्ठता बढ़ते देख चीन चिंता में पड़ गया।
भारत-फ्रांस के संबंधों में लगातार मधुरता और मजबूती बढ़ रही है। पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मौक्रों काफी अच्छे दोस्त हैं। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों नेता गर्मजोशी के साथ मिलते हैं। दुबई में भी पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात और द्विपक्षीय वार्ता की।
चरम पर चल रहे वैश्विक तनावों के बीच अमेरिका और चीन ने अपने रिश्तों की कड़वाहट दूर करने के प्रयास के साथ ही वैश्विक समस्याओं के निदान पर भी फोकस किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति सी जिनपिंग की वैश्विक क्षेत्रीय मुद्दों पर अहम वार्ता हुई है।
टू-प्लस-टू वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-अमेरिका द्वारा मिलकर किए जा रहे कार्यों का ब्यौरा दिया। साथ ही देनों देशों की दोस्ती को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की।
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन और रक्षा सचिव ऑस्टिन अपने भारतीय समकक्षों, विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। चर्चा में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, वैश्विक चिंताओं को दूर करने और भारत-प्रशांत में सहयोग को बढ़ावा देने सहित कई मुद्दे होंगे।
भारत-अमेरिका के बीच आज होगी "टू-प्लस-टू वार्ता" आज नई दिल्ली में शुरू होने जा रही है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन इसके लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उनके साथ दोनों देशों के रक्षा और विदेश संबंधों को नया मुकाम देंगे।
पूर्वी एशिया से लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रक्षा, सुरक्षा और सहयोग सिर्फ भारत और अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक शांति, सुरक्षा और विकास के लिए जरूरी हो गया। इस क्षेत्र में चीन की दादागिरी रोकने के लिए भारत और अमेरिका ने खास रणनीति बनाई है। एस जयशंकर ने इसके लिए अमेरिकी रक्षामंत्री ऑस्टिन से वार्ता की है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पहुंचने के बाद अपने मित्र देशों के साथ कई द्विपक्षीय बहुपक्षीय बैठकें की। इस दौरान उन्होंने भारत के संबंधों को और रणनीतिक सहयोग को मजबूत किया। कनाडा से विवाद के बीच जयशंकर ने क्वॉड देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान से भी अहम वार्ता की।
पीएम मोदी ने ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ जी-20 से इतर द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पीएम मोदी से गले मिले। इसके बाद गर्मजोशी से दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। फिर पीएम मोदी और फुमियो किशिदा की वार्ता।
सऊदी अरब के प्रिंस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन समाप्त होने के बाद भी प्रिंस मो. बिन सलमान एक दिन अतिरिक्त भारत में ही रहेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा होगी।
दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीन भारत के साथ द्विपक्षीय बैठक और वार्ता करने को बेताब था। मगर चीन के अनुरोध को पीएम मोदी ने अस्वीकार कर दिया। भारतीय सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सिर्फ अनौपचारिक रूप से बातचीत पर सहमत हुए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार का कार्यकाल 12 अगस्त को पूरा हो रहा है। ऐसे वक्त में उन्होंने भारत के साथ बातचीत की इच्छा जाहिर की है। पीएम शहबाज की यह पेशकश अनायास नहीं है, बल्कि वह विभिन्न स्तर पर इसका माइलेज लेना चाहते हैं। मगर भारत क्या उनके अनुरोध को स्वीकारेगा, यह देखने वाली बात होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई को फ्रांस के बैस्टिल डे परेड में शामिल होंगे। वह फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के विशेष आमंत्रण पर पेरिस जा रहे हैं। वहां से लौटते समय 15 जुलाई को यूएई जाने का भी कार्यक्रम है।
फुमियो किशिदा ने कहा “मार्च से ही हमारे बीच वित्त और रक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में विभिन्न स्तर पर संवाद बरकरार है। मेरी योजना इस संवाद को और विस्तार देने की है। दक्षिण कोरियाई और जापानी अधिकारियों ने कहा कि योल और किशिदा उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम,दक्षिण कोरिया व जापान की आर्थिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बात होगी।
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