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मालेगांव ब्लास्ट केस: 'मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था', पूर्व ATS अधिकारी का सनसनीखेज दावा

मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच में शामिल एक पूर्व ATS अधिकारी ने दावा किया है कि इस केस में उन्हें RSS प्रमुख मोहन भागवत को पकड़ने के लिए कहा गया था।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Aug 01, 2025 07:56 am IST, Updated : Aug 01, 2025 08:13 am IST
Mohan bhagwat malegaon blast case- India TV Hindi
Image Source : PTI मालेगांव ब्लास्ट केस में सनसनीखेज खुलासा।

महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बॉम्ब ब्लास्ट केस में गुरुवार को बड़ा फैसला आया। NIA की स्पेशल कोर्ट ने इस केस में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। करीब 17 साल बाद आए इस फैसले की हर ओर चर्चा हो रही है। इस बीच मालेगांव बम ब्लास्ट केस की जांच करने वाले महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पूर्व पुलिस ऑफिसर ने दावा किया है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।

क्यों हुई भागवत को पकड़ने की कोशिश?

मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद इस पर रिएक्शन देते पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने बड़ा खुलासा किया है। मुजावर ने बताया है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। मुजावर के मुताबिक, भागवत को गिरफ्तार करने के ऑर्डर का मकसद 'भगवा आतंकवाद' को स्थापित करना था।

फर्जी अधिकारी की फर्जी जांच उजागर- पूर्व अधिकारी

पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने सोलापुर में कहा है कि मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट के फैसले ने एटीएस के ‘फर्जीवाड़े को नकार दिया है। आपको बता दें कि शुरू में इस मामले की जांच एटीएस ने की थी। हालांकि, बाद में NIA ने केस को अपने हाथ में ले लिया था। मुजावर ने आगे कहा, ‘‘इस फैसले ने एक फर्जी अधिकारी द्वारा की गई फर्जी जांच को उजागर कर दिया है।’’

मुजावर को क्या आदेश मिला था? 

महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी और करीब 101 लोग घायल हुए थे। महबूब मुजावर ने बताया है कि वह इस ब्लास्ट की जांच करने वाली ATS टीम का हिस्सा थे। मुजावर ने बताया कि उन्हें मोहन भागवत को ‘पकड़ने के लिए कहा गया था। मुजावर ने कहा- "मैं यह नहीं कह सकता कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसी हस्तियों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि उनका पालन किया जा सके।"

मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज हुआ-  मुजावर

पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने बताया कि उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया और मोहन भागवत को गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि उन्हें हकीकत पता थी। मुजावर ने बताया- ‘‘मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।’’ उन्होंने आगे कहा कि ‘‘कोई भगवा आतंकवाद नहीं था। सब कुछ फर्जी था।’’ (इनपुट: भाषा)

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