Tuesday, May 07, 2024
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मणिपुर यौन हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो हम करेंगे

मणिपुर से सामने आए दो महिलाओं के साथ यौन हिंसा के वीडियो के बाद पूरा देश गुस्से से भर गया। इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार से फौरन कार्रवाई करें।

Reported By : Gonika Arora, Shoaib Raza Edited By : Swayam Prakash Updated on: July 20, 2023 12:00 IST
मणिपुर यौन हिंसा मामले का सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मणिपुर यौन हिंसा मामले का सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

मणिपुर में हाईकोर्ट के आदेश के बाद भड़की हिंसा के बीच एक वीडियो ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। मणिपुर की राजधानी इंफाल से करीब 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम से आए यौन हिंसा के एक वीडियो ने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। अब देश के सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने संबंधी वीडियो से ‘‘बेहद व्यथित’’ है औ यह ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार से फौरन कदम उठाने और उसे यह बताने का निर्देश दिया कि क्या कार्रवाई की गयी है।  

"कार्रवाई नहीं होती है, तो हम कार्रवाई करेंगे"

सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि हम सरकार को कार्रवाई के लिए थोड़ा समय देंगे और अगर कोई जमीनी कार्रवाई नहीं होती है, तो हम कार्रवाई करेंगे। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इसे ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य’’ बताया। पीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से फौरन कदम उठाने और उसे यह बताने का निर्देश दिया कि क्या कार्रवाई की गयी है। चार मई का यह वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद से मणिपुर समेत पूरे देश में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। इस वीडियो में दिख रहा है कि विरोधी पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं।

वीडियो आत्मा को झकझोर देने वाला है- चीफ जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। महिलाओं के अधिकारों को लेकर इस प्रकार की घटना आत्मा को हिला देने वाली है। ये संविधान के अधिकारों का हनन है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वो बहुत ही डिस्टर्ब हैं। मणिपुर का वीडियो आत्मा को झकझोर देने वाला है।

"महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में उपयोग करना..."
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस वीडियो पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि सरकार कदम उठाए और कार्रवाई करे। यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि लैंगिक हिंसा को कायम रखने के लिए सांप्रदायिक संघर्ष के क्षेत्र में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना अस्वीकार्य है। महिलाओं को लगातार हिंसा के साधन के रूप में उपयोग करके मानव जीवन का उल्लंघन करना संवैधानिक लोकतंत्र के खिलाफ है।

महिलाओं के साथ रेप के बाद निर्वस्त्र करके घुमाया
ये वीडियो 4 मई का बताया जा रहा है। वीडियो में भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमा रही है। आरोप है कि महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और जब महिलाओं को बचाने के लिए उनका भाई आया तो उसका भी मर्डर कर दिया गया। वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर के सीएम ने पुलिस को दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस घटना भयावह बताया है। 

मुख्य आरोपी हुआ गिरफ्तार
वहीं मणिपुर पुलिस ने चार मई को दो जनजातीय महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने और उनसे छेड़छाड़ करने की चार मई की घटना के कथित मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया।

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