Saturday, April 20, 2024
Advertisement

मान सरकार ने की फ्री बिजली की घोषणा, पर पंजाब सहित 10 राज्यों में कोयले की किल्लत से बिजली संकट गहराया

एक ओर पंजाब सरकार ने 1 जुलाई से 300 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा की है। वहीं पंजाब सहित देश के विभिन्न राज्यों में भीषण गर्मी के बीच देशभर में बिजली संकट और गहराने के कगार पर है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 16, 2022 8:56 IST
Power Crisis- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Power Crisis

नई दिल्ली। एक ओर पंजाब सरकार ने 1 जुलाई से 300 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा की है। वहीं पंजाब सहित देश के विभिन्न राज्यों में भीषण गर्मी के बीच देशभर में बिजली संकट और गहराने के कगार पर है। यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब समेत 10 राज्यों में कोयले की भारी किल्लत हो गई है। इस बीच, बिजली की बढ़़ती मांग और कोयले की कमी के कारण कटौती बढ़ गई है। महाराष्ट्र में कई साल बाद अनिवार्य बिजली कटौती की स्थिति बन गई है। 

केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि कोयला संकट से निपटने और बिजली उत्पादन जारी रखने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को खदानों के पास वाले संयंत्रों के लिए लिंकेज कोल पर 25 फीसदी टोलिंग सुविधा देगी। आयातित कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों की समीक्षा बैठक के बाद सिंह ने यह बात कही।

9 साल के सबसे कम स्तर पर पहुंचा कोयला भंडार

एक रिपोर्ट के मुताबिक, गर्मी शुरू होने के साथ ही देश के बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार नौ साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। कोरोना लॉकडाउन के बाद पटरी पर लौट रही औद्योगिक गतिविधियों के चलते फैक्टरियों और उद्योगों में बिजली की खपत बढ़ी है।

गर्मी जैसे-जैसे तेज होगी, बिजली की मांग भी बढ़ेगी

जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, बिजली की मांग तेजी से चढ़ेगी। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर एवं मध्य भारत के अधिकतर इलाके में अप्रैल में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने वाला है। ऐसे में बिजली की मांग बढ़ना तय है। देश के कई हिस्सों में तो बिजली की कटौती शुरू हो चुकी है। 

इन राज्यों में बिजली मांग के मुकाबले 3 फीसदी कम 

देश के प्रमुख औद्योगिक गढ़ महाराष्ट्र में कई वर्षों बाद इतना बड़ा बिजली संकट खड़ा हुआ है। यहां मांग के मुकाबले 2500 मेगावाट बिजली कम है। प्रदेश में रिकॉर्ड 28000 मेगावाट की मांग है, जो पिछले साल के मुकाबले 4000 मेगावाट अधिक है। सरकारी आंकड़ाें के मुताबिक, झारखंड, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड में मांग के मुकाबले तीन-तीन फीसदी कम बिजली उपलब्ध है। 

कोयले की किल्लत से जूझ रहे ये राज्य

 

उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना।

कोयले की कमी और बिजली कटौती पर ऊर्जा मंत्री का बड़ा बयान

इस बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बताया कि आंध्र प्रदेश, राजस्थान व तमिलनाडु में बिजली की कमी हुई है। तमिलनाडु के ज़्यादातर प्लांट आयातित कोयले पर निर्भर थे और आंध्र प्रदेश का भी ये ही है। साथ ही रेलवे के द्वारा वहां कोयला पहुंचाने में विलंब हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल जितनी तेज़ी से मांग बढ़ी है, उतनी तेज़ी से पहले कभी नहीं बढ़ी और हमारा कोयले का रिज़र्व कम है। कोयले का रिज़र्व आज 9 दिन का है जबकि पहले 14 दिन का रहता था।

1.4% बिजली की मांग एक हफ्ते में बढ़ी 

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक सप्ताह में 1.4% मांग बढ़ने से बिजली संकट गहराया है। यह आंकड़ा अक्बटूर में हुए बिजली संकट के समय की मांग से भी अधिक है। 
अक्तूबर में गंभीर कोयला संंकट के दौरान बिजली की मांग एक फीसदी बढ़ी थी। हालांकि मार्च में बिजली की मांग में 0.5 फीसदी की कमी आई थी। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement