Thursday, October 10, 2024
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Rajat Sharma's Blog: खालिस्तानी पन्नू की राहुल की तारीफ पर कांग्रेस चुप क्यों ?

1984 के कत्लेआम के बाद चाहे सिख समाज कांग्रेस से कितना भी नाराज़ रहा हो, कांग्रेस ने कभी भी खालिस्तान का समर्थन करने वालों को इसका फायदा नहीं उठाने दिया। कांग्रेस ने कभी खालिस्तान की मांग करने वालों को सिर नहीं उठाने दिया।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: September 12, 2024 18:16 IST
Rajat Sharma, India TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

राहुल गांधी ने वॉशिंगटन डीसी में सिखों के बारे में जो कहा, उससे देश भर में सिख समाज में नाराज़गी है, लेकिन अचरज की बात ये है कि राहुल गांधी की खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने तारीफ कर दी। राहुल गांधी ने कहा था कि वो अल्पसंख्यकों को उनका हक़ दिलाने और उनको बैखौफ होकर जीने की आजादी दिलाने के लिए लड़ रहे हैं, उनकी लड़ाई इस बात की है कि भारत में सिखों को पगड़ी बांधने में डर न लगे, कड़ा पहनने से कोई न रोके, वे गुरुद्वारों में बेखौफ  होकर जा सकें। इसके बाद खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने राहुल गांधी के बयान को बिल्कुल सही बताया। जो बात राहुल गांधी कह रहे हैं, वो बात पन्नू भी मानता है। राहुल और उसकी लाइन एक है। 

पन्नू ने एक बयान जारी करके कहा कि राहुल गांधी ने सिखों के बारे में जो कुछ बोला, उसमें खालिस्तान समर्थक संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ की बात का समर्थन है। सिख फॉर जस्टिस संगठन की यही मांग है कि अलग खालिस्तान देश बनाया जाए, राहुल गांधी का बयान उसकी इस मांग को न्यायोचित ठहराता है। पन्नू ने ये भी कहा कि राहुल गांधी ने जो बयान दिया है, वो इस बात का सबूत है कि भारत में सिखों पर अत्याचार हो रहे है। राहुल गांधी ने सिखों के बारे में जो बयान दिया, तकरीबन वही बात वॉशिंगटन के नेशनल प्रेस क्लब में कही। यहां राहुल ने बिल्कुल वही बात तो नहीं दोहराई, लेकिन दूसरे शब्दों में फिर कहा कि भारत में सभी धर्म के लोगों को, अल्पसंख्यकों को, हर तरह की आज़ादी मिलनी चाहिए, अधिकार मिलने चाहिए, इसी को लेकर बीजेपी और RSS से उनके मतभेद हैं और वह इसी की लड़ाई लड़ रहे हैं। 

गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में बैठकर भारत के खिलाफ साजिशें रचता है। उसने ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर हमला करवाया, कनाडा में भारतीयों पर हमले करवाए। पन्नू भारत के टुकड़े-टुकड़े करने का सपना देखता है, पूरी दुनिया में सिखों को बदनाम करता है और राहुल गांधी अमेरिका में जाकर वही बात कहते हैं, जो खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू को रास आती है। इसीलिए जैसे ही पन्नू का बयान आया, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के तमाम नेताओं ने राहुल गांधी को घेरा। अमित शाह ने कहा कि देश विरोधी बातें करना और देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होना, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की फितरत बन गई है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि सिखों को लेकर राहुल ने जो बातें कहीं, वो सरासर झूठ, बेबुनियाद है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राहुल भारत-विरोधी अलगाववादी समूह के नेता बनने की तरफ बढ़ रहे हैं, वह राष्ट्रीय एकता को छिन्न-भिन्न करके देश को गृह युद्ध की तरफ धकेलना चाहते हैं। दिल्ली में सिखों ने सोनिया गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन किया, और मांग की कि राहुल सिखों के बारे में झूठी बातें कहने के लिए माफी मांगें। प्रदर्शनकारी सिखों ने पूछा कि राहुल ने देश में कहां देखा कि सिखों को पगड़ी पहनने से रोका गया गया है? कौन से गुरूद्वारे में सिख डर कर जाते हैं? सिखों को कड़ा पहनने से किसने रोका? सिख समाज के लोगों ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तब इटली में सिखों को पगड़ी पहनने पर पाबंदी थी। राहुल गांधी की UPA सरकार उसे नहीं हटवा पाई, वो पाबंदी 2014 के बाद हटी, इसलिए बेहतर होगा राहुल अपनी पार्टी का इतिहास देखें  और सिखों को बदनाम न करें। 

बड़ी बात ये है कि राहुल गांधी की बात को उस सिख नौजवान भलिंदर सिंह ने भी गलत बताया जिसका नाम पूछ कर वॉशिंगटन में राहुल ने भारत में सिखों की स्थिति के बारे में गलतबयानी की थी। भलिंदर सिंह विरमानी ने खुद सोशल मीडिया पर अपना वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने उनका नाम पूछकर सिखों को लेकर जो कमेंट किया, वो पूरी तरह गलत था। भलिंदर सिंह ने कहा कि वो खुद भारतीय हैं, कुछ दिनों के लिए अमेरिका आए हैं, उन्होंने भारत में कभी नहीं देखा कि किसी सिख को पगड़ी पहनने या कड़ा पहनने से रोका गया हो या किसी को गुरुद्वारे जाने में कोई दिक्कत हुई हो। 

वॉशिंगटन डीसी में राहुल गांधी ने दुनिया भर में भारत-विरोधी प्रचार करने वाली अमेरिकी सांसद इल्हान उमर से मुलाकात की। राहुल गांधी अमेरिकी सांसदों के जिस प्रतिनिधिमंडल से मिले, उसमें इल्हान उमर को खासतौर पर बुलाया गया था। इल्हान उमर डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता हैं,  वो खुले तौर पर पाकिस्तान की हिमायती हैं, हर मंच पर भारत का विरोध करती हैं। इल्हान उमर वही हैं, जिन्होंने 2022 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जाकर कहा था कि कश्मीर पर भारत का कोई हक़ नहीं है, भारत को कश्मीर छोड़ना ही पड़ेगा। जब नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 हटाया, तो इल्हान उमर ने कहा था कि मोदी सरकार ने 370 को खत्म करके गैरकानूनी काम किया है, पूरी दुनिया को इसका विरोध करना चाहिए। ये वही इल्हान उमर है जिन्होंने ये कहकर अमेरिकी संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का बायकॉट किय़ा था कि मोदी सरकार भारत में मुसलमानों पर जुल्म ढा रही है। जून 2023 में इल्हान उमर अमेरिका की संसद में भारत के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आई थीं जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्रालय से अपील की गई थी कि वह भारत को एक ऐसा देश घोषित करे जहां पर धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन होता है, जहां मुसलमान सुरक्षित नहीं है। चूंकि इल्हान उमर का भारत-विरोधी एजेंडा किसी से छुपा नहीं है, इसके बाद भी भारत के नेता, प्रतिपक्ष राहुल गांधी का इल्हान उमर से मिलना हैरानी की बात है। 

बीजेपी के तमाम नेताओं ने राहुल गांधी के इस कदम की आलोचना की। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो न जाने कहां-कहां, कितने देशों में कांग्रेस के खिलाफ अनाप-शनाप बातें कहीं, राहुल गांधी को अपशब्द कहे, अब वही बीजेपी के लोग हमें पाठ पढ़ा रहे हैं कि राहुल गांधी को ऐसा नहीं बोलना चाहिए, ये सही बात नहीं है। मैं हैरान हूं कि अब तक कांग्रेस के नेताओं ने खालिस्तानी पन्नू के समर्थन को क्यों नहीं ठुकराया। पन्नू के खिलाफ बयान क्यों नहीं दिया? मल्लिकार्जुन खरगे पुराने नेता हैं, वह तो कांग्रेस का इतिहास जानते हैं। 1984 के कत्लेआम के बाद चाहे सिख समाज कांग्रेस से कितना भी नाराज़ रहा हो, कांग्रेस ने कभी भी खालिस्तान का समर्थन करने वालों को इसका फायदा नहीं उठाने दिया। कांग्रेस ने कभी खालिस्तान की मांग करने वालों को सिर नहीं उठाने दिया। तो फिर खरगे गोलमोल बात क्यों कर रहे हैं? वह पन्नू को अपना एजेंडा चलाने की इजाज़त क्यों दे रहे हैं? क्या अध्यक्ष जी राहुल गांधी की गलती को छिपाने के लिए मजबूर हैं ? 

कांग्रेस के नेताओं के पास इस बात का भी जवाब नहीं है कि राहुल गांधी पाकितान समर्थक इल्हान उमर से क्यों मिले? इल्हान तो हमेशा से भारत के खिलाफ रही हैं। ये तो कांग्रेस की नीति नहीं हो सकती। कांग्रेस के किसी एकाध नेता ने कभी इधर उधर की बात कर दी हो वो अलग है, लेकिन मूल रूप से कांग्रेस एक राष्ट्रवादी संगठन है। कांग्रेस ने हमेशा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग माना है। कांग्रेस ने तो अनुच्छेद 370 हटाए जाने का भी समर्थन किया था। कांग्रेस ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के ज़माने में कभी भारत-विरोधी एजेंडा चलाने वालों से हाथ नहीं मिलाया, पाकिस्तान की हिमायत करने वालों को गले नहीं लगाया। क्या अब कांग्रेस की नीति बदल गई है? या राहुल गांधी कांग्रेस की दुकान में कुछ नया माल लेकर आए हैं? ये हसरत, ये नई  इबारत, ये मुलाकात, भारत के लोगों को पसंद नहीं आएगी। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 11 सितंबर, 2024 का पूरा एपिसोड

 

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