Sunday, May 12, 2024
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Terror in J&K: जम्मू-कश्मीर से होने वाला है अब आतंक का खात्मा, जानें कैसे घेराबंदी कर रहे सुरक्षाबल

Terror in J&K: जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद में कमी तो आई है, लेकिन अभी भी पूरी तरह इसका सफाया नहीं हुआ है। आतंकी जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने राजौरी और पुंछ सीमावर्ती जिलों में करीब तीन आतंकवादी समूहों की मौजूदगी स्वीकार किया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra
Updated on: September 03, 2022 12:45 IST
Terror in Kashmir- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Terror in Kashmir

Highlights

  • जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के सफाए का प्लान तैयार
  • गृहमंत्री अमितशाह के निर्देश पर अभियान शुरू
  • कश्मीरी पंडितों की मौत का बदला लेगी सेना

Terror in J&K: जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद में कमी तो आई है, लेकिन अभी भी पूरी तरह इसका सफाया नहीं हुआ है। आतंकी जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने राजौरी और पुंछ सीमावर्ती जिलों में करीब तीन आतंकवादी समूहों की मौजूदगी स्वीकार किया है। साथ ही उनका सफाया करने की प्लानिंग भी तैयार कर ली है। पुलिस उप महानिरीक्षक (राजौरी-पुंछ रेंज) हसीब मुगल ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रोजाना आधार पर तलाशी एवं घेराबंदी अभियान चल रहे हैं ताकि लोगों के मन में सुरक्षाबोध हो तथा वे बिना किसी डर के अपनी सामान्य गतिविधियां जारी रख सकें। 

इन आतंकी समहूों का सफाया जरूरी

राजौरी में 11 अगस्त को पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकवादियों ने सेना के एक शिविर पर तड़के आत्मघाती हमला किया था जो तीन साल से भी अधिक समय बाद जम्मू कश्मीर में आत्मघाती हमलों की वापसी का संकेत था। उस दिन करीब चार घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद दोनों आतंकवादी मारे गये थे लेकिन पांच सैनिक भी शहीद हुए थे। मुगल ने फेसबुक पर संवाद के दौरान कहा, ‘‘पुलिस और अन्य (सुरक्षा एजेंसियों) के पास आतंकवादियों की आवाजाही की पहले से सूचना है लेकिन उन्होंने (आतंकवादियों ने) घनी झाड़ियों एवं पेड़-पौधों का फायदा उठाया। (11 अगस्त के) उस हमले के बाद सुरक्षा और बढ़ा दी गयी तथा पीर पंजाल क्षेत्र में और दो या तीन आतंकवादी समूहों की मौजूदगी के मद्देनजर अलर्ट जारी कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूह पर सुरक्षा एजेंसियों नजर रखी रही हैं और यथाशीघ्र उनका सफाया करने के लिए निगरानी की जा रही है । उन्होंने कहा, ‘‘(पहले हमले के हफ्ते भर के अंदर) एक ऐसे ही समूह से आमना सामना हुआ लेकिन वह खराब मौसम तथा घने जंगल का फायदा उठाकर बच निकला। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ राजौरी और पुंछ में आतंकवादियों के प्रति सहयोग बिल्कुल नगण्य है। निकट अतीत में लोगों ने कई आतंकवादी टोलियां को तहस-नहस करने में सुरक्षाबलों की मदद की है। ’’ उन्होंने लोगों से क्षेत्र में शांति बनाये रखने में सुरक्षाबलों की मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जन समर्थन के बगैर शांति संभव नहीं है। 

शाह ने भी किया है मात देने का ऐलान
अभी कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाम जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने राज्य की सुरक्षा को लेकर अहम बैठक की थी। शाह ने ऐलान किया था कि जम्मू-कश्मीर से अब हमेशा के लिए आतंक का सफाया करना है। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया था। केंद्रीय गृहमंत्री के निर्देश पर आतंकवादियों के खात्मे की स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है। इसमें सेना के साथ राज्यपुलिस और अन्य सुरक्षा बल भी शामिल होंगे। इस अभियान के जरिये आतंकियों को चुन-चुन कर मारे जाने का लक्ष्य रखा गया है। 

कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद से सरकार सख्त
जम्मू-कश्मीर में हाल में जिस तरह से आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर उन्हें मौत के घाट उतारा है, उससे केंद्र सरकार का खून खौल रहा है। यही वजह है कि आतंकियों के पूरी तरह से सफाए का प्लान तैयार किया जा चुका है। अब इसे अंजाम देना भी शुरू कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने कश्मीरी पंडितों की मौत का आतंकियों से बदला लेने की पूरी स्क्रिप्ट तैयार कर लिया है। अब उसी लहजे में आतंकियों के खिलाफ अभियान चालू कर दिया गया है। 

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