Tuesday, April 23, 2024
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चुनाव से पहले किसान आंदोलन फिर होगा शुरू? 31 जनवरी को मनाएंगे वादाखिलाफी दिवस

किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि लखीमपुर खीरी में जो घटना हुई थी, हम 21 तारीख से वहां पर 3-4 दिन के लिए जाएंगे। वहां पर पीड़ितों से मुलाक़ात करेंगे। जो किसान जेल में है, हम उनसे भी मिलेंगे। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 15, 2022 19:35 IST
चुनाव से पहले किसान आंदोलन फिर होगा शुरू? 31 जनवरी को मनाएंगे वादाखिलाफी दिवस- India TV Hindi
Image Source : FACEBOOK चुनाव से पहले किसान आंदोलन फिर होगा शुरू? 31 जनवरी को मनाएंगे वादाखिलाफी दिवस

Highlights

  • विधानसभा चुनावों से पहले किसान संगठनों का बड़ा ऐलान
  • संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को लेकर नाराजगी व्यक्त की
  • 1 फरवरी से मिशन यूपी और उत्तराखंड शुरू किया जाएगा

नई दिल्ली: कृषि कानून व अन्य मांगों पर किसान और सरकार के बीच सहमति के बाद किसान आंदोलन स्थगित तो हुआ, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को सरकार को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। मोर्चा की हुई समीक्षा बैठक में किसानों ने आगे की रणनीति बताते हुए कुछ बड़े फैसले किए हैं। शनिवार को बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया कि हरियाणा को छोड़कर किसी भी राज्य में मुकदमे और मुआवजे को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए हम 31 जनवरी को वादाखिलाफी दिवस के रूप में मनाएंगे। 

किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि लखीमपुर खीरी में जो घटना हुई थी, हम 21 तारीख से वहां पर 3-4 दिन के लिए जाएंगे। वहां पर पीड़ितों से मुलाक़ात करेंगे। जो किसान जेल में है, हम उनसे भी मिलेंगे। किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि आंदोलन की समाप्ति के बाद आज सरकार के वादों की समीक्षा के दौरान यह महसूस किया गया कि सरकार ने एमएसपी पर अब तक कोई कमेटी नहीं बनाई है, किसान संगठनों से भी कोई संपर्क नहीं किया गया है। सरकार ने किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने के अपने वादे पर भी अमल नहीं किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा को छोड़कर बाकी किसी भी राज्य ने किसानों के खिलाफ दर्ज किसे अब तक वापस नहीं लिए हैं और ना ही मुआवजे को लेकर कोई ऐलान किया है। 

युद्धवीर सिंह ने कहा कि इसलिए सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ किसान एक बार फिर से 31 जनवरी को पूरे देश के जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय और तहसीलों पर प्रदर्शन करेंगे और पुतले फूंकेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार बातचीत नहीं करती है तो और अड़ियल रवैया अख्तियार कर बैठी रहती है तो 1 फरवरी से मिशन यूपी शुरू किया जाएगा। 

किसान नेताओं ने कहा कि 1 फरवरी से उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड चुनाव में संयुक्त किसान मोर्चा मिशन यूपी की शुरूआत करेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता युद्धवीर सिंह ने साफ कर दिया है कि, यदि 31 जनवरी तक किसानों को किये गए वायदों को पूरा नहीं किया गया तो 1 फरवरी से मिशन यूपी और उत्तराखंड शुरू किया जाएगा।

इसके अलावा किसानों ने लखीमपुर खीरी मामले के ऊपर भी बैठक में चर्चा की है। किसानों की नाराजगी है कि सरकार ने मंत्री को अभी तक बर्खास्त नहीं किया, क्योंकि सरकार को वोट बैंक की चिंता है, वहीं पीड़ित किसानों के ऊपर 302 लगाकर जेलों में डाला गया है। उन्होंने आगे बताया कि, इसलिए 21 जनवरी को राकेश टिकैत के नेतृत्व में संयुक्त किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होगा। इसके बाद पीड़ितों, अधिकारियों से भी मुलाकात करेगा। इसके अलावा यदि इस मामले पर सुनवाई नहीं होती तो वहीं से पक्का मोर्चा लगाने की शुरूआत की जाएगी और तब तक वह मोर्चा रहेगा जब तक न्याय नहीं मिलता।

दरअसल, कृषि कानून को रद्द होने के बाद कुछ अन्य मांगों पर सरकार के साथ किसानों को सहमति बनी जिसके बाद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को खाली करने का बड़ा फैसला किया था। वहीं किसानों ने यह ऐलान किया था कि 15 जनवरी को सरकार और किसानों के समझौते पर सरकार ने क्या क्या फैसला लिया इसकी समीक्षा करने के लिए बैठक की जाएगी। (इनपुट- IANS)

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