भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार हिंदुत्व के एजेंडे को अपना हथियार बनाने के लिए तैयार है। सरकार ने अगले साल होने वाले नगर निगम चुनाव से पहले प्रदेश में 'राम वन पद गमन' कॉरिडोर को विकसित करने का ऐलान किया है। दो चरणों में बनने वाले इस कॉरिडोर के मद्देनजर सरकार ने पहले चरण के लिए 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है। कमलनाथ सरकार के मंत्री का मानना है कि जब 'राम वन पद गमन' बन जाएगा तो कमलनाथ सरकार उसी 'राम वन पद गमन' पर चलेगी। यह कॉरिडोर उस रास्ते पर बनेगा, जहां-जहां से वनवास के दौरान राम और सीता चित्रकूट से लेकर अमरकंटक तक गए थे।
'राम वन पद गमन' कॉरिडोर बधवारा (कटनी), राम घाट (जबलपुर), रामनगर (मंडला), डिंडोरी, शहडोल से होकर अमरकंटक पहुंचेगा। दरअसल, मध्य प्रदेश में अगले साल नगरीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं। अभी प्रदेश की 16 नगर निगमों में भाजपा सत्ता में है। वहीं, नगर पालिकाओं और पंचायतों में भी अधिकतर में भाजपा काबिज है। ऐसे में जबकि भाजपा के एजेंडे में शामिल रहा अयोध्या का राम मंदिर बनने वाला है तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने भी अपनी हिंदुत्ववादी छवि चमकाने की योजना तैयार की है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देशों के बाद सरकार ने अपनी हिंदुत्ववादी छवि चमकाने के लिए 'राम वन पद गमन' कॉरिडोर के लिए प्लान तैयार किया है।
'राम वन पद गमन' कॉरिडोर के लिए उन सभी स्थानों को चुना गया है, जहां राम और सीता वनवास के दौरान गए थे। सभी रास्तों पर पड़ने वाले धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए सड़क का निर्माण किया जाना है। बड़े मंदिरों और मठों के आस-पास आस्था के मुताबिक विकास की बात कही जा रही है। श्रद्धालुओं को मंदिर के पास ठहराने के लिए नए भवन तैयार होंगे। धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए सर्किट हाउस बनाया जाएगा। धार्मिक पर्यटन सर्किट के साथ-साथ छोटे-छोटे मंदिरों को भी जोड़ने की बात कही जा रही है।
सरकार के आध्यात्मिक विभाग का प्लान
- श्राइन बोर्ड कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा।
- धर्मशालाएं बनाई जाएगी, यात्रियों के लिए पैदल ट्रैक और साइकिल ट्रैक बनाया जाएगा।
- 'राम वन पद गमन' कॉरिडोर में पुराने समय की वास्तुकला के अलावा पुराने समय की शहरी व्यवस्था देखने को मिलेगी।
- कॉरिडोर में आने वाले सभी ऐतिहासिक शहरों को नए सिरे से विकसित किया जाएगा।
- चित्रकूट को नया रूप दिया जाएगा।
- 2001 में यहां 5 लाख लोग आए थे जबकि 2013 में 1.67 करोड़ लोगों ने कामदगिरि के दर्शन कर परिक्रमा की थी। यहां के लिए भीड़ मैनेजमेंट प्लान लाया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, आध्यात्मिक विभाग ने 'राम वन पद गमन' कॉरिडोर का जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है, उसके मुताबिक यह 20 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट है। हालांकि, सरकार का मानना है कि जितना भी बजट लगेगा, उसमें कमी नहीं की जाएगी। लेकिन, 15 सालों तक सत्ता में रही भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि सरकार के पास पैसा खर्च करने के लिए बजट ही नहीं है, 10 करोड़ खर्च कर राम वनपथ गमन बनाना ऊंट के मुंह में जीरा है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं है। यह केवल राम के नाम का लाभ कैसे उठाएं इसलिए तुरंत 'राम वन पद गमन' कॉरिडोर के लिए 10 करोड़ रुपये दे दिए। 10 करोड़ में क्या होगा? पहले चुनाव में बड़ी-बड़ी बातें की थीं, तब से अब तक कुछ नहीं किया।"