Sunday, May 05, 2024
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न्यायालय ने राज्यपाल और फडणवीस के पत्र पेश करने के आदेश दिए, विपक्षी गठबंधन ने बहुमत का दावा किया

राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना ने अपने विधायकों को मुंबई में तीन लग्जरी होटल में रखा है वहीं विपक्षी गठबंधन ने बहुमत का दावा किया है। पुलिस ने कहा कि खरीद-फरोख्त के किसी भी प्रयास को खत्म करने के लिए होटलों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: November 24, 2019 23:01 IST
Maharashtra News- India TV Hindi
Image Source : PTI न्यायालय ने राज्यपाल और फडणवीस के पत्र पेश करने के आदेश दिए, विपक्षी गठबंधन ने बहुमत का दावा किया

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार गठन का मामला उच्चतम न्यायालय की न्यायिक समीक्षा के दायरे में आ गया है जिसने केंद्र सरकार से कहा है कि वह सोमवार को राज्यपाल का पत्र अदालत को सौंपे जिसमें देवेन्द्र फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह भाजपा नेता द्वारा राज्य में सरकार बनाने के लिए किए गए दावे का पत्र भी अदालत के समक्ष सोमवार को सुबह साढ़े दस बजे सुनवाई के दौरान पेश करे।

बहुमत के लिए 145 विधायकों की जरूरत

महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा रविवार की सुबह उच्चतम न्यायालय पहुंच गया। इससे एक दिन पहले फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि शिवसेना ने दावा किया कि शिवसेना-राकांपा- कांग्रेस गठबंधन के पास 165 विधायकों का समर्थन है और वह आसानी से विधानसभा में बहुमत साबित कर देगा। भाजपा ने दावा किया है कि फडणवीस के पास 170 विधायकों का समर्थन है। 288 सदस्यीय सदन में बहुमत के लिए 145 विधायकों की जरूरत है।

शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन को कोई अंतरिम राहत नहीं

उच्चतम न्यायालय में रविवार को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन को कोई अंतरिम राहत नहीं दी और फडणवीस सरकार को 24 घंटे के अंदर बहुमत साबित करने का कोई निर्देश जारी नहीं किया। अदालत ने कहा कि इस सोमवार को दोनों पत्रों को पढ़ने के बाद ही इस मुद्दे पर विचार करेगी।

सुनवाई करीब 30 मिनट तक चली

भाजपा नेता आशीष शेलार के मुताबिक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए 30 नवम्बर तक का समय दिया है। उच्चतम न्यायालय के खचाखच भरे अदालत कक्ष में सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई सुनवाई करीब 30 मिनट तक चली जिस दौरान अदालत ने कहा कि चुनाव बाद बने गठबंधन ‘महा विकास आघाडी’ की याचिका पर फिलहाल विचार नहीं किया जाएगा जिसने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में उन्हें सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को निर्देश देने की मांग की।

गठबंधन की याचिका पर पीठ ने केंद्र, महाराष्ट्र सरकार, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भी नोटिस जारी किए। याचिका में राज्यपाल द्वारा 23 नवम्बर को भाजपा सरकार को सरकार बनाने के लिए दिए गए निमंत्रण को रद्द करने का आदेश देने की मांग की गई।

राज्य सरकार की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ

पीठ ने कहा, ‘‘राज्यपाल के आदेश के साथ ही देवेन्द्र फडणवीस द्वारा सौंपे गए पत्रों को पढ़ने के बाद ही मुद्दों पर विचार किया जाएगा और याचिकाकर्ताओं द्वारा 24 घंटे के अंदर शक्ति परीक्षण कराने की मांग पर विचार किया जाएगा। हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ लेकिन हम तुषार मेहता से आग्रह करते हैं कि कल सुबह साढ़े दस बजे तक उन दोनों पत्रों को पेश करें जब मामले की सुनवाई शुरू होगी ताकि हम उचित आदेश पारित कर सकें।’’

कांग्रेस ने शपथग्रहण पर उठाए सवाल

केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि वह जरूरत पड़ने पर संबंधित रेकार्ड पेश करना चाहते हैं और राज्यपाल की तरफ से भी रेकार्ड पेश करना चाहते हैं। शिवसेना की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जिस तरीके से सुबह पांच बजकर 17 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाया गया यह ‘‘विचित्र’’ था क्योंकि कैबिनेट की कोई बैठक नहीं हुई और यह स्पष्ट नहीं था कि किस आधार पर राज्यपाल ने इसकी अनुशंसा की। जिस तरीके से सुबह आठ बजे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को शपथ ग्रहण कराया गया उस पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए और कहा कि यह ‘‘रहस्यों से घिरा’’ है और सार्वजनिक पटल पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं कि किस तरह से सरकार का गठन किया गया।

राज्यपाल का निर्णय ‘‘धोखेबाजी’’- अभिषेक मनु सिंघवी

राकांपा और कांग्रेस की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार बनाने के लिए फडणवीस को निमंत्रण देने का राज्यपाल का निर्णय ‘‘धोखेबाजी’’ और ‘‘लोकतंत्र का विनाश’’ करना है क्योंकि राकांपा के निर्वाचित 54 विधायकों में से 41 अजित पवार के साथ नहीं हैं। अदालत ने तुषार मेहता की याचिकाओं को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने राज्यपाल का पत्र सौंपने के लिए दो दिनों का वक्त मांगा।

अजित ट्वीट कर बोले-शरद पवार मेरे नेता

इस बीच, अजित पवार ने अपने इस बयान से राजनीतिक हलकों में तहलका मचा दिया कि वह अब भी राकांपा में हैं और शरद पवार उनके नेता हैं। शरद पवार ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा, ‘‘अजित पवार के बयान गलत, भ्रमित करने वाले और लोगों के बीच गलत छवि बनाने वाले हैं।’’

NCP-शिवसेना और कांग्रेस के विधायक होटलों में

राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना ने अपने विधायकों को मुंबई में तीन लग्जरी होटल में रखा है वहीं विपक्षी गठबंधन ने बहुमत का दावा किया है। पुलिस ने कहा कि खरीद-फरोख्त के किसी भी प्रयास को खत्म करने के लिए होटलों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के 165 विधायक हैं। अगर राज्यपाल के समक्ष परेड कराया जाता है तो हम दस मिनट में बहुमत साबित कर देंगे।’’

भाजपा बोली हमारे पास 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन

भाजपा के आशीष शेलार ने कहा कि फडणवीस के पास 170 से अधिक विधायकों का समर्थन है और भाजपा सदन के पटल पर बहुमत साबित करेगी। उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी। भाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े और दोनों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस और राकांपा को विधानसभा चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल हुई थीं।

फडणवीस सरकार विश्वास मत हार जाएगी- NCP

बहरहाल राकांपा ने दावा किया कि देवेन्द्र फडणवीस सरकार 30 नवम्बर को सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएगी। राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘शपथ ग्रहण फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुए। देवेन्द्र फडणवीस के पास संख्या बल नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहतर होगा कि वह खुद मुख्यमंत्री पद छोड़ दें अन्यथा सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएंगे।’’

उद्धव ठाकरे ने की शरद पवार से मुलाकात

मलिक ने कहा कि रविवार सुबह तक राकांपा के ‘लापता’ पांच विधायकों में से दो लौट आए हैं और एक अन्य ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर राकांपा के साथ होने के बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम शेष विधायकों के शाम तक लौटने की उम्मीद करते हैं।’’ शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने उपनगर के एक होटल में शरद पवार से मुलाकात की जहां राकांपा के विधायक ठहरे हुए हैं।

अजित पवार ने किया पीएम मोदी को धन्यवाद

भाजपा के सूत्रों ने बताया कि दादर स्थित भाजपा के कार्यालय वसंत स्मृति में हुई बैठक में फडणवीस, राज्य भाजपा के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे सहित कई नेता मौजूद थे। अजित पवार ने नरेन्द्र मोदी के बधाई वाले संदेश पर प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। इस बीच अजित पवार रविवार की सुबह चर्चगेट के पास स्थित अपने निजी आवास पर लौट आए और बाद में अपने समर्थकों ओर पार्टी के कुछ नेताओं से मुलाकात की। शनिवार को वह मुंबई में अपने भाई के घर पर रहे।

कांग्रेस बोली-भाजपा बहुमत सिद्ध करने से भाग रही है

शक्ति परीक्षण की तुरंत मांग करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाए कि भाजपा विधानसभा में बहुमत साबित करने से ‘‘भाग रही है।’’ कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कांग्रेस- राकांपा- शिवसेना की संयुक्त अपील में कहा कि उन्होंने तुरंत शक्ति परीक्षण कराने के लिए उच्चतम न्यायालय से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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