Saturday, April 20, 2024
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‘मंगल ग्रह पर भी आपकी मदद करेगा भारतीय दूतावास’, कुछ ऐसा था सुषमा स्वराज का काम करने का अंदाज

सुषमा स्वराज के जाने का ग़म हर किसी को है, फिर चाहे वो देश में बैठा कोई शख्स हो या फिर विदेश में रहने वाला भारतीय और हो भी क्यों नहीं सुषमा स्वराज ने काम ही कुछ ऐसा किया था कि दुनियाभर में रह रहे भारतीय उनके कायल थे।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 07, 2019 8:37 IST
‘मंगल ग्रह पर भी आपकी मदद करेगा भारतीय दूतावास’, कुछ ऐसा था सुषमा स्वराज का काम करने का अंदाज- India TV Hindi
‘मंगल ग्रह पर भी आपकी मदद करेगा भारतीय दूतावास’, कुछ ऐसा था सुषमा स्वराज का काम करने का अंदाज

नई दिल्ली: सुषमा स्वराज के जाने का ग़म हर किसी को है, फिर चाहे वो देश में बैठा कोई शख्स हो या फिर विदेश में रहने वाला भारतीय और हो भी क्यों नहीं सुषमा स्वराज ने काम ही कुछ ऐसा किया था कि दुनियाभर में रह रहे भारतीय उनके कायल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में बतौर विदेश मंत्री उनके काम करने के अंदाज ने ही उन्हें आम आदमी के बेहद करीब कर दिया था। उन्हें आम आदमी का विदेश मंत्री बना दिया था और अब जब वो इस दुनिया में नहीं हैं तो हर किसी को उनका काम याद आ रहा है।

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सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहीं सुषमा स्वराज ऐसी विदेश मंत्री थीं जिन्होंने ट्विटर को मददगार टूल्स के तौर पर अपनाया। मुसीबत कितनी भी बड़ी क्यों न हो, मुश्किले चाहे जैसी भी हो, ट्विटर पर सुषमा स्वराज को टैग करते ही मदद मिलनी तय थी। तभी तो देश-विदेश में बैठा हर शख्स अपनी मुसीबत में सुषमा स्वराज को याद करता था। सुषमा स्वराज के निधन के बाद ट्विटर पर उनके चाहने वालों ने उन्हें तरह-तरह से याद किया और श्रद्धांजलि दी।

7 जून 2017 के उस ट्वीट को भला कौन भूल सकता है जिसे सुबह के करीब 8 बजे पूर्व विदेश मंत्री ने एक यूजर के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा था। उन्होंने ट्वीट किया था, “अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंसे हों, तो भारतीय दूतावास वहां भी आपकी आपकी मदद करेगा।“

‘मंगल ग्रह पर भी आपकी मदद करेगा भारतीय दूतावास’, कुछ ऐसा था सुषमा स्वराज का काम करने का अंदाज

‘मंगल ग्रह पर भी आपकी मदद करेगा भारतीय दूतावास’, कुछ ऐसा था सुषमा स्वराज का काम करने का अंदाज

सुषमा स्वराज का यही अंदाज उन्हें औरों से अलग करता है। विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज ने कई ऐसे काम किए जिसने उन्हें एक नई पहचान दी। खास बात ये थी कि परेशानी पाकिस्तान में रह रहे किसी शख्स को हो या फिर सात समंदर पार अमेरिका में बैठा कोई शख्स। मुसीबत है तो सुषमा स्वराज से मदद मिलनी तय थी।

2014 में पीएम मोदी की सरकार में सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी। इस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया था। याद कीजिए पाकिस्तान में रह रही गीता को। सुनने और बोलने में असमर्थ गीता नाम की भारतीय लड़की की खबर जब मीडिया में आयी जो पाकिस्तान में फंसी हुई थी तब स्वराज ने उसे भारत वापस लाने और उसे उसके घरवालों को सौंपने के लिए जबरदस्त कोशिशें की।

गीता की गुहार पर एड़ी चोटी का जोर लगाकर सुषमा स्वराज ने उसे आखिरकार हिंदुस्तान बुला लिया। गीता की तरह ही सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की जेल में बंद हामिद नेहाल अंसारी की भी खूब मदद की थी। करीब 6 साल से पाकिस्तानी जेल में कैद नेहाल की खबर जैसे ही सुषमा स्वराज को मिली उन्होंने उसके वापस लौटने के तमाम इंतजाम कर दिए। बेहद मुश्किल हालात में सुषमा ने नेहाल को मदद पहुंचवाई और भारत लौटने के इंतजाम करवाए। 

पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहे हामिद नेहाल अंसारी भारत लौटने के बाद सुषमा से मिलकर बेहद भावुक हो गया था। विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी यमन में संकट के दौरान अपनी निगरानी में लोगों को बड़े पैमाने पर सुरक्षित निकालने के मिशन की अगुआई रही। इस बड़े मिशन को 'ऑपरेशन राहत' का नाम दिया गया था जिसमें 4741 भारतीयों और 48 देशों के 1947 लोगों को बचाया गया था। 

सुषमा स्वराज की पहल पर इसी तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन लीबिया और इराक में भी किए गए थे जहां से सैकड़ों भारतीय नागरिकों को बचाया गया था। विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज ने ऐसे कई लोगों की मदद की जो मुसीबत में थे या फिर परेशानियां झेल रहे थे। जोधपुर के नरेश तेवानी और कराची की प्रिया बच्चानी की शादी शायद ही हो पाती अगर सुषमा स्वराज ने मदद ना की होती। भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से भारत आने में वीजा की दिक्कते आने लगी थीं। शादी का रिश्ता तो तीन साल पहले तय हो गया था, लेकिन शादी की तारीख 7 नवंबर 2016 को थी लेकिन प्रिया और उसके परिजनों को शादी के लिए भारत आने का वीजा नहीं मिल रहा था।

सारे विकल्प तलाशने के बाद हारकर दुल्हन प्रिया ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर मदद मांगी और घर के 35 मेंबर्स को जल्द वीजा दिलवाने की अपील की। मदद की गुहार आई और सुषमा स्वराज एक्शन में आ गईं। आखिरकार सुषमा स्वराज की मदद से नरेश तेवानी और प्रिया बच्चानी की शादी हो सकी।

सुषमा स्वराज ने सउदी अरब में फंसे कई भारतीय मजदूरों तक भी मदद पहुंचाई। आकाश नाम के एक शख्स ने सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई थी। बाकायदा वीडियो बनाकर ट्विटर पर पोस्ट किया था। आकाश का वीडियो मिलते ही सुषमा स्वराज ने ना केवल उसकी मदद की बल्कि उसके साथ फंसे कई दूसरे भारतीय मजदूरों को भी सऊदी अरब से बाहर निकाला।

सुषमा स्वराज अचानक इस कदर दुनिया छोड़कर चली जाएंगी इसका अंदाजा शायद ही किसी को था। 6 अगस्त की रात अचानक उनके निधन की खबर सामने आई और पूरा देश गम में डूब गया। अपनी मददगार छवि से सुषमा स्वराज ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्रालय की छवि बदलकर रख दी। विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज ने कई ऐसे काम किए जिसके लिए लोग उन्हें हमेशा हमेशा याद करते रहेंगे।

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