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INS विक्रांत पर पहुंचे राजनाथ सिंह, जानें इस एयरक्राफ्ट कैरियर से क्यों खौफ खाता है पाकिस्तान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज INS विक्रांत पर सवार हुए। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद यह दौरा नौसेना का मनोबल बढ़ाने के लिए है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : May 30, 2025 8:43 IST, Updated : May 30, 2025 10:59 IST
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Image Source : INDIA TV INS विक्रांत पर राजनाथ सिंह।

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत के दौरे पर हैं। यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के बाद हो रहा है, जिसमें भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत और रणनीतिक क्षमता का लोहा मनवाया है। अरब सागर में तैनात INS विक्रांत पर रक्षा मंत्री ने नौसेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात की है, उनका हौसला बढ़ाया है और ऑपरेशन की सफलता पर चर्चा की है।

'ऑपरेशन सिंदूर' में क्या थी INS विक्रांत की भूमिका?

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना ने अपने कैरियर बैटल ग्रुप के साथ उत्तरी अरब सागर में फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट किया था। इस ग्रुप का नेतृत्व INS विक्रांत ने किया, जिसमें 8 से 10 वॉरशिप्स, जैसे डिस्ट्रॉयर और स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, शामिल थे। इस तैनाती ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि वह तनाव बढ़ाता है, तो भारतीय नौसेना न केवल उसके युद्धपोतों, बल्कि जमीनी ठिकानों को भी निशाना बना सकती है। नतीजतन, पाकिस्तानी नौसेना कराची नेवल बेस से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सकी और उसने सीजफायर की मांग की।

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Image Source : PTI
मार्च 2023 में भी INS विक्रांत के दौरे पर गए थे राजनाथ सिंह।

भारत की शान क्यों है INS विक्रांत?

INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, और यह सही मायनों में समुद्र में भारत का सबसे ताकतवर प्रहरी है। इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (WDB) ने तैयार किया, और इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL), कोच्चि में किया गया। इसकी अनुमानित लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये है, और इसमें 75% तक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है।

आखिर कितना बड़ा है INS विक्रांत?

INS विक्रांत को 'समुद्र का शेर' या 'समुद्र में तैरता किला' कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। यह एयरक्राफ्ट कैरियर 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है, जिसमें करीब 30,000 टन विशेष स्टील (DMR ग्रेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा आपूर्ति) का उपयोग हुआ है। यह एक तैरता हुआ हवाई अड्डा है, जो 30 से अधिक लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम है। इसके डेक पर मिग-29K फाइटर जेट्स, कामोव हेलीकॉप्टर और स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (ALH) तैनात किए जा सकते हैं।

इसके अलावा, INS विक्रांत चार ऑटोब्रेडा 76 mm गन और 4 क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS) से लैस है, जो दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर सकता है। इसकी उन्नत रडार और मिसाइल रक्षा प्रणाली इसे समुद्र में एक अभेद्य किले की तरह बनाती है।

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Image Source : PTI
INS विक्रांत का नाम सुनकर ही पाकिस्तान की हालत पतली हो जाती है।

पाकिस्तान क्यों डरता है INS विक्रांत से?

पाकिस्तान INS विक्रांत से काफी खौफ खाता है और यह बात छिपी हुई नहीं है। दरअसल, पाकिस्तान की नौसेना की ताकत सीमित है, और उसके पास 30 से भी कम युद्धपोत हैं। इसके विपरीत, INS विक्रांत अपने कैरियर बैटल ग्रुप के साथ एक शक्तिशाली बैटल यूनिट है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी फॉरवर्ड तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को कराची हार्बर से बाहर निकलने से रोक दिया। यह पोत न केवल समुद्र में युद्धपोतों को निशाना बना सकता है, बल्कि इसके लड़ाकू विमान और मिसाइलें जमीनी ठिकानों पर भी सटीक हमले कर सकती हैं।

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Image Source : INDIA TV
INS विक्रांत की विशेषताएं।

INS विक्रांत का दौरा क्यों कर रहे हैं रक्षा मंत्री?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाने और नौसैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए है। इससे पहले, उन्होंने श्रीनगर में थलसेना और भुज में वायुसेना के जवानों से मुलाकात की थी। आज INS विक्रांत पर उनकी मौजूदगी नौसेना की ताकत और भारत की रक्षा नीति को और मजबूत करने का संदेश देगी। रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक बताया है, जो पाकिस्तान के भीतर तक असर दिखा रहा है।

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