Saturday, April 20, 2024
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राम जन्मभूमि ट्रस्ट के घोषित नामों में मेरा नाम नहीं होने का दु:ख नहीं: राम विलास वेदांती

राम जन्मभूमि न्यास के उपाध्यक्ष राम विलास वेदांती ने कहा है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के घोषित नामों में उनका नाम नहीं होने का उन्हें कोई दुख नहीं है बल्कि ट्रस्ट घोषित होने की खुशी है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: February 06, 2020 17:18 IST
Ram Vilas Vedanti- India TV Hindi
Ram Vilas Vedanti

बहराइच (उत्तर प्रदेश): राम जन्मभूमि न्यास के उपाध्यक्ष राम विलास वेदांती ने कहा है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के घोषित नामों में उनका नाम नहीं होने का उन्हें कोई दुख नहीं है बल्कि ट्रस्ट घोषित होने की खुशी है। वेदांती ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ''मेरा नाम नहीं है, इसका मुझे कोई दुख नहीं है बल्कि मुझे ट्रस्ट घोषित होने की खुशी है। सरकार चाहे तो मंदिर की नींव के अंदर मेरे शरीर-मेरी लाश को लगा दे, लेकिन भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।''

वेदांती ने कहा कि हमें के. पारासरन को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाए जाने एवं जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद जी, स्वामी परमानंद जी महाराज को ट्र्स्ट में शामिल किए जाने की खुशी है। उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या के संत-महात्माओं, विश्व हिन्दू परिषद, आरएसएस एवं भाजपा ने इसका समर्थन किया है। मैं भी समर्थन करता हूं। हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर संत लोग इसका समर्थन करें।’’

वेदांती भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के गोनार्द लॉन में आठ दिवसीय राम कथा एवं राम मंदिर निर्माण हेतु यज्ञ अनुष्ठान में शामिल होने के लिए बुधवार को बहराइच पहुंचे । उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ट्रस्ट के घोषित नामों में अपने नाम के नहीं होने का दुख नहीं है क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि सबके नाम ट्रस्ट में शामिल हों। हम तो राम मंदिर आंदोलन में बलिदान देने वाले ऐसे लोगों, जिनको नाम नहीं दिया गया है, के साथी रहे हैं।’’ वेदांती ने कहा, ‘‘बलिदान देने वाले अशोक सिंहल, महंत अवैद्यनाथ, स्वामी परमहंस रामचंद्र जी महाराज, जगद्गुरु शंकराचार्य, स्वामी शांतानंद जी महाराज, उडुपी के स्वामी विश्वकीर्त महाराज जैसे लोगों ने आंदोलन को बढ़ाया था, जिनकी कृपा से ही उच्चतम न्यायालय का फैसला आया है।’’

उन्होंने कहा, "हम सब लोग तो नींव के पत्थर हैं। हम सभी ऐसे लोग हैं जिन्हें नाम तो नहीं दिया गया है, हमलोग दिखाई भले नहीं दें लेकिन काम हमलोग ही करेंगे, ऐसी मजबूत दीवार बनाएंगे जिसे दुनिया की कोई ताकत तोड़ नहीं सकेगी।" ट्रस्ट की घोषणा पर खुशी जताते हुए वेदांती ने कहा, ‘‘हमारी कामना है कि भगवान श्री राम का मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर हो, जो इतना ऊंचा हो कि इस्लामाबाद, लाहौर, कराची, श्रीनगर, लंका, काठमांडू, कलकत्ता और दिल्ली से दिखलाई दे।

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