Friday, May 10, 2024
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यूपी पंचायत चुनाव: 30 अप्रैल तक कराएं प्रधानों के चुनाव, हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दिया निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि 17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा कर लें, इसके बाद 30 अप्रैल तक प्रधानों के चुनाव कराए जाएं। 15 मई तक जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव करा लें।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 04, 2021 17:56 IST
UP Panchayat Chunav 2021 latest news Uttar Pradesh Panchayat elections schedule- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV UP Panchayat Chunav 2021 latest news Uttar Pradesh Panchayat elections schedule

नई दिल्पली/लखनऊ। यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। पंचायत चुनाव 2021 को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को यूपी सरकार को कई निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि 17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा कर लें, इसके बाद 30 अप्रैल तक प्रधानों के चुनाव कराए जाएं। 15 मई तक जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव करा लें।

चुनाव आयोग के शेड्यूल को हाईकोर्ट ने किया अस्वीकार

विनोद उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीते बुधवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। चुनाव आयोग के शेड्यूल पेश करने के बाद आयोग ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। दरअसल, चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में जो शेड्यूल पेश किया था, उसमें चुनाव मई तक होने की बात सामने आई। इस पर हाईकोर्ट ने साफ कहा कि पंचायत चुनाव मई में कराने का प्रस्ताव प्रथम दृष्टया स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि नियमानुसार 13 जनवरी 2021 तक चुनाव पूरे करा लिए जाने थे, हाईकोर्ट ने शेड्यूल को संवैधानिक उपबंधों के विपरीत मानते हुए अस्वीकार कर दिया।  

दरअसल अपने शेड्यूल में चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट को बताया कि पिछली 22 जनवरी को पंचायत चुनाव की मतदाता सूची तैयार हो गई है। यही नहीं 28 जनवरी तक परिसीमन का काम भी पूरा कर लिय गया है। लेकिन सीटों का आरक्षण राज्य सरकार को फाइनल करना है इसी कारण अब तक चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया जा सका है। आयोग ने बताया कि सीटों का आरक्षण पूरा होने के बाद चुनाव में 45 दिन का समय लगेगा।

सरकार ने कोरोना को बताया देरी का कारण

हाईकोर्ट ने 15 मई तक इनडायरेक्ट यानी सभी पंचायतों के गठन का आदेश दिया है। याची ने 13 जनवरी तक पंचायत चुनाव संपन्न न कराने के चलते अर्जी दाखिल की थी। याचिका में पांच साल के भीतर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया संपन्न न कराने को आर्टिकल 243(e) का उल्लंघन बताया था। सरकार ने कोविड के चलते पंचायत चुनाव समय से पूरा नहीं करा पाने की वजह बताई थी। 

एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह और एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा। याची की तरफ से अधिवक्ता पंकज कुमार शुक्ला ने पक्ष रखा। जस्टिस एम एन भंडारी और जस्टिस आर आर आग्रवाल की डिवीजन बेंच ने ये आदेश दिया है।

उत्तर प्रदेश में इस बार होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में ऐसी क्षेत्र व जिला पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की जाएंगी जो पिछले पांच चुनाव में अब तक कभी आरक्षित ही नहीं हो सकीं। राज्य सरकार पंचायतीराज निदेशालय से मिले आंकड़ों और प्रस्तावों के आधार पर कुछ ऐसा ही फार्मूला तैयार करवाने में जुटी है। 

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