Saturday, April 20, 2024
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विकास दुबे के घर से मिला हथियारों का जखीरा, तमंचे और बमों के साथ भारी मात्रा मे विस्फोटक बरामद

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विकास के घर से भारी मात्रा में कीलें भी बरामद की गई हैं, जिनसे वो बम बनाता था।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 05, 2020 18:42 IST
Vikas Dubey- India TV Hindi
Image Source : AP Representational Image

कानपुर. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे इस समय पुलिस की हिट लिस्ट में है। पुलिस की कई टीमें उसे खोज रही हैं। पुलिस ने उसके घरो को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया है। यूपी पुलिस को उसके घर से हथियारों का जखीरा मिला है। पुलिस ने विकास दुबे के घर से 6 तमंचे, 25 कारतूस, 2 किलो विस्फोटक बरामद किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विकास के घर से भारी मात्रा में कीलें भी बरामद की गई हैं, जिनसे वो बम बनाता था। पुलिस को विकास के घर से 15 जिंदा बम भी मिले है। विकास नक्सली मोड में काम करता था। उसके परिवार में 12 लाइसेंसी हथियार थे, जिनका वो खुद इस्तेमाल करता था। 

'पुलिस कार्रवाई के बारे में विकास दुबे को पहले ही जानकारी मिल गई थी'

कुख्यात अपराधी विकास दुबे के साथी दया शंकर अग्निहोत्री ने स्वीकार किया है कि विकास दुबे को फोन आया था कि पुलिस टीम उसके घर पर छापा मारने की तैयारी कर रही है। अग्निहोत्री को कल्याणपुर क्षेत्र में एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद रविवार सुबह गिरफ्तार किया गया था। अग्निहोत्री मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे के घर के अंदर ही था। वह दुबे के घर में रसोइए का काम करता है और उसकी पत्नी दुबे के घर में नौकरानी के तौर पर काम करती है।

उसने कहा कि वह बंदूक चलाना नहीं जानता और जब गोलीबारी शुरू हुई तब वह सो रहा था। उसने यह भी कहा है कि जब विकास दुबे और उसके लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया, तब वह घर के अंदर बंद था। दया शंकर अग्निहोत्री ने कहा, मैंने कुछ नहीं देखा।

विकास दुबे द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन की कॉल डिटेल से पता चला है कि वह चौबेपुर के निलंबित स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) विनय तिवारी, एक पुलिस कांस्टेबल और एक होमगार्ड के साथ नियमित संपर्क में था।

नाम न बताने की शर्त पर एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विनय तिवारी से पूछताछ की जा रही है और मामले में आगे की जांच जारी है। तिवारी को कुख्यात स्थानीय अपराधी विकास दुबे को कथित तौर पर जानकारी देने के आरोप में शनिवार को निलंबित कर दिया गया था। एसटीएफ अधिकारी ने यह कहते हुए और जानकारी देने से इनकार कर दिया कि इससे जांच प्रभावित होगी।

सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे के भागने के कुछ घंटों बाद ही उसके फोन स्विच ऑफ (बंद) हो गए थे। दुबे के दोस्तों और रिश्तेदारों के फोन को सर्विलांस पर लगा दिया गया था, लेकिन अभी तक दुबे ने इनमें से किसी से भी संपर्क नहीं किया है। बिठूर पुलिस स्टेशन के अधिकारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह शुक्रवार की घटना में घायल हो गए थे और रीजेंसी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि वह किसी मुठभेड़ के लिए तैयार नहीं थे और अधिकांश पुलिसकर्मी निहत्थे थे।

उन्होंने कहा कि जैसे ही पुलिस टीम उस स्थान पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि वहां पर पहले से ही रणनीति के तहत एक जेसीबी मशीन को तैनात किया गया था और उन पर गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने कहा, वहां पर कोई स्ट्रीट लाइट नहीं थी और हम ठीक से देख नहीं सकते थे। कुछ पुलिसकर्मियों ने भागकर जेसीबी के पीछे छिपकर अपने आपको बचाया। चारों ओर अंधेरा था, इसलिए हम यह नहीं देख पाए कि कौन फायरिंग कर रहा था।

With input from IANS

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