Friday, April 26, 2024
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Lakhimpur Kheri Violence: न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 04, 2022 14:31 IST
Lakhimpur Kheri violence: Supreme Court reserves order on plea challenging Ashish Mishra’s bail- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Lakhimpur Kheri violence: Supreme Court reserves order on plea challenging Ashish Mishra’s bail

Highlights

  • आशीष मिश्रा की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
  • इस हिंसा में 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत हुई थी
  • SIT ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने को कहा था

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे एवं लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया और सवाल किया कि न्यायाधीश कैसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर विस्तार से गौर कर सकते है? प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

पीठ ने कहा, ‘‘ एक न्यायाधीश कैसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर विस्तार से गौर कर सकते हैं? हम जमानत से जुड़े मामले पर सुनवाई कर रहे हैं, हम इसे लटकाना नहीं चाहते। इसके गुण-दोष आदि पर बात करना जमानत के लिए अनावश्यक है।’’ हालांकि, इस बीच एक अहम बात सामने आई है कि मामले पर गठित SIT ने यूपी सरकार को 2 बार आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने को कहा था। 

किसानों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने जमानत रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उच्च न्यायालय ने जांच रिपोर्ट की अनदेखी की और आरोपी को राहत देने के लिए केवल प्राथमिकी पर गौर किया। राज्य सरकार ने हालांकि अपराध को गंभीर करार दिया और कहा कि सभी गवाहों को सुरक्षा प्रदान की गई है।इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत ने 16 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। उसने 10 मार्च को राज्य सरकार को गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया था।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के सदस्यों ने आशीष मिश्रा को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहा था। इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।

गौरतलब है कि किसानों का एक समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था और तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी। किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष मिश्रा थे, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था। हालांकि, मिश्रा ने आरोपों को खारिज किया है।

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