Friday, March 29, 2024
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इस बीमारी से जूझ रही हैं आलिया भट्ट, किया ये बड़ा खुलासा

आलिया ने इस उम्र में जो हासिल किया है। वह शायद ही किसी के बस की बात है। लेकिन हमेशा अपनी मुस्कान से लोगों का दिल जीतने वाली आलिया ने जब अपनी बीमारी को लेकर खुलासा किया तब सभी हैरान हो गए।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 29, 2019 11:54 IST
alia bhatt- India TV Hindi
alia bhatt

नई दिल्ली: आलिया ने अपनी 26 साल की उम्र में जो हासिल किया है। वह शायद ही किसी के बस की बात है। लेकिन हमेशा अपनी मुस्कान से लोगों का दिल जीतने वाली आलिया ने जब अपनी बीमारी को लेकर खुलासा किया तब सभी हैरान हो गए। फिल्म राजी और उड़ता पंजाब से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली आलिया के साथ बॉलीवुड का हर डॉयरेक्टर काम करना चाहता है। आलिया ने अपनी काम की वजह से फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई है। लेकिन हाल ही में आलिया ने अपनी बीमारी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। आलिया ने एक मैगजीन को दिए इंयरव्यू में बताया है कि वह पिछले 6 महीने से डिप्रेशन का शिकार है। आलिया ने बताया कि इस बीमारी से निजात पाने के लिए वह हर तरह की कोशिश कर रही है। आलिया ने इंटरव्यू के दौराना बताया कि 'कुछ महिनों से मैं इसकी शिकार हूं। मैं अचानक से खुश और अचानक से दुखी हो जाती हूं। लेकिन मैं इस मामले में अपनी बहन शाहिन भट्ट का शुक्रिया करना चाहती हूं जिसकी वजह से मैं इस बीमारी को लेकर काफी जागरूक हूं।''

आलिया ने अपनी इस बीमारी को लेकर खुलकर बात कि। आलिया ने कहा कि डिप्रेशन आपको कई वजह से हो सकती है जैसे काम का अधिक प्रेशर, आपकी खराब लाइफस्टाइल।

अवसाद के कारण क्या हैं?

अवसाद एक या कारकों के संयोजन के कारण हो सकता है जैसे:

जेनेटिक प्रोपेसिटी- जिन लोगों के परिवारों में अवसाद के पिछले इतिहास हैं, वे बीमारी होने के लिए अधिक संवेदनशील हैं, जिन्हें अवसाद का परिवारिक इतिहास हैं।
मस्तिष्क रसायन - अवसाद से पीड़ित लोगों की रसायन शास्त्र उन लोगों से अलग है जिनके पास रोग नहीं है।
तनाव- कभी-कभी ऐसी घटनाएं जो एक प्रिय व्यक्ति की मौत की तरह मजबूत भावनाओं को जन्म देती हैं, एक कठिन रिश्ते या अन्य स्थितियों जो तीव्र रूप से तनावपूर्ण होती हैं, अवसाद के झटके को ट्रिगर करने के लिए पर्याप्त हो सकती हैं।
अवसाद का उपचार

अवसाद के साथ एक रोगी के इलाज में पहला कदम एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर या डॉक्टर से परामर्श करना है। इस यात्रा के बाद अन्य समान स्थितियों को रद्द करने के लिए परीक्षाएं और प्रयोगशाला परीक्षणों का पालन किया जा सकता है। एक मरीज़ द्वारा ली गई दवाएं भी जांच के अधीन आती हैं। चिकित्सक रोग के विस्तृत परिवार और चिकित्सा इतिहास को ध्यान में रखता है और फिर तदनुसार एंटीड्रिप्रेसेंट्स को निर्धारित करने के लिए आगे बढ़ता है।

हालांकि, दवाएं प्रभावी होने में धीमी हैं। लेकिन चिकित्सा एंटीड्रिप्रेसेंट्स के पास अक्सर गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं, जो सभी मामलों में स्वीकार्य नहीं हो सकते हैं। मनोचिकित्सा एक और विकल्प है जो अवसाद के इलाज में मदद कर सकता है। यह नए व्यवहार और सोच के तरीकों को पढ़कर काम करता है जो कुछ लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। यह व्यक्ति को अंतर्दृष्टि देता है कि अवसाद क्यों हो रहा है और स्थिति को और भी खराब कर देता है।

लक्षण
दैनिक गतिविधियों में रुचि खोना
अनिद्रा या ज्यादा सोना
गुस्सा
चिड़चिड़ापन
ऊर्जा का नुकसान
आत्म घृणित
एकाग्रता मुद्दों

 

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