Friday, March 29, 2024
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आज से शुरू हो रहे हैं पंचक, ये अच्छे काम करना हो सकता है अशुभ

आज दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से पंचक शुरू हो रहे हैं। शुक्रवार के कारण पड़ने के कारण इसे चोर पंचक कहा जाएगा जानें कौन से काम करने की है मनाही।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: April 17, 2020 7:24 IST
पंचक 2020- India TV Hindi
पंचक 2020

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है। जिससे कि किए जाने वाले काम में अपार सफलता प्राप्त हो। शास्त्रों के अनुसार पंचक के 5 दिन ऐसे होते है जिनमें शुभ काम करने की मनाही होती है। अगर इन दिनों में यह कार्य किए तो अशुभ फल के साथ बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं। इस बार 17 अप्रैल से पंचक शुरू हो रहे हैं। जानें इसके बारे में सबकुछ। 

कब है पंचक

आज दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 22 अप्रैल की दोपहर 1 बजकर 18 मिनट तक पंचक रहेंगे | आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार धनिष्ठा से लेकर रेवती तक के पांच नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है और इन नक्षत्रों के दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है | जैसे- पंचक के दौरान लेन-देन, व्यापारिक सौदे, घर में लकड़ी आदि का कार्य या घर बनाने के लिए लकड़ी इकट्ठी करना जैसे कार्यों से बचना चाहिए | यदि आप यह कार्य इस दौरान करेंगे तो आपको हानि होने की सम्भावना बनी रहती है | 

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कौन सा है पंचक
शास्त्रों के अनुसार वार के अनुसार पंचक होता है। जानें कितने प्रकार के है पंचक और किसका क्या होता है अर्थ।

चोर पंचक
शुक्रवार को शुरू होने वालें पचंक को चोर पंचक कहते है। इस दिन यात्रा, व्यापार लेन देन की भी मनाही होती है। अगर इस दिन वर्जित काम  करने से धन हानि होती है।

रोग पंचक
यह पंचक पांच दिनों के लिए शारीरिक और मानसिक कष्ट देने वाला होता है। इस पंचक में यज्ञोपवीत, शुभ काम की मनाही होती है। यह पंचक रविवार से शुरू होता है। 

नृप पंचक
यह पंचक सोमवार से शुरु होता है। इसमें भी कोई भी नई नौकरी ज्वाइन नही करना चाहिए। अशुभ माना जाता है। इस दिनों में सरकारी नौकरी के लिए शुभ माना गया है। अगर आपकी सरकारी नौकरी है तो आपको फायदा हो सकता है।

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मृत्यु पंचक
शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते है। इस पंचक में शादी जैसे शुभ काम करने की मनाही होती है। ऐसा करने से जान -माल का नुकसान हो सकता है।

अग्नि पंचक
मंगलवार को शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहते है। इस पंचक में घर का निर्माण, ग्रह प्रवेश की मनाही होती है। लेकिन इस पंचक में कोर्ट से संबंधिक कोई विवाद हो तो उसे किया जा सकता है। इस पंचक में आग का डर रहता है।

पंचकों में ये काम करना है वर्जित

  • मकान बना सकते है लेकिन पंचकों में ढलाई नहीं करनी चाहिए।
  • पंचक के दिनों में चारपाई बनवाना अच्छा नहीं होता है। यह बड़े संकट का बुलावा होता है। 
  • अगर किसी की शादी हुई है तो नई दुल्हन को घर न लाएं और न ही विदा करें।
  • अगर किसी की मृत्यु हो गई है तो उसके अंतिम संस्कार ठीक ढंग से न किया गया तो पंचक दोष लग सकते है। इसके बारें में विस्तार से गरुड़ पुराण में बताया गया है जिसके अनुसार अगर अंतिम संस्कार करना है तो किसी विद्वान पंडित से सलाह लेनी चाहिए और साथ में जब अंतिम संस्कार कर रहे हो तो शव के साथ आटे या कुश के बनाए हुए पांच पुतले बना कर अर्थी के साथ रखें। और इसके बाद शव की तरह ही इन पुतलों का भी अंतिम संस्कार विधि-विधान से करें।
  • नए काम की शुरुआत और जमीन जायदाद, वाहन आदि की खरीद बेच नहीं करनी चाहिए।  वहीं इन दिनों में कानूनी काम जरूर कर सकते हैं।
  • इन दिनों में लकड़ी, तेल, ईधन, छप्पर, इत्यादि का काम या संग्रह नहीं करना चाहिए।

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