Thursday, April 18, 2024
Advertisement

Sankashti Ganesh Chaturthi 2020: सावन में ऐसे करें संकष्ठी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा, होगी हर इच्छा पूरी

श्रावण में पड़ने वाले संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन इस शुभ मुहूर्त, पूजा विधि से करें भगवान गणेश को प्रसन्न।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: July 07, 2020 20:13 IST
Sankashti Ganesh Chaturthi 2020: सावन में ऐसे करें संकष्ठी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा, होगी हर इ- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/BAPPA_CLICKS_OFFICIAL Sankashti Ganesh Chaturthi 2020: सावन में ऐसे करें संकष्ठी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा, होगी हर इच्छा पूरी

श्रावण कृष्ण पक्ष की उदया तिथि तृतीया और बुधवार का दिन है। तृतीया तिथि आज सुबह 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी और प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है। दरअसल चतुर्थी तिथि में रात के समय चाँद का दर्शन करके पूजा करते हैं, लिहाजा निशिथव्यापिनी चतुर्थी ही ग्राह्य है। यानि जिस दिन चतुर्थी तिथि के साथ रात हो उस दिन चतुर्थी को व्रत रखना चाहिए और आज चतुर्थी रात के समय रहेगी। लिहाजा आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत किया जायेगा। 

चंद्रोदय का समय

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार चंद्रोदय 8 जुलाई रात 9 बजकर 32 मिनट पर  होगा।  

संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी: करियर और नौकरी में सफलता पाने के लिए गणपति पर चढ़ाएं ये चीजें, होगा शुभ

संकष्ठी चतुर्थी पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशान कोण में चौकी पर स्थापित करें। चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें। भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें। अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें। इसके बाद ओम 'गं गणपतये नम:' मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें। इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है। त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें। इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें। पूजन उपरांत चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें। पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।

इस दिन भगवान गणेश की कथा जरूर सुनें। ऐसा करने से ही आपकी पूजा सफल होगी। इस उपवास को करने वाले व्यक्ति को सुबह नहा धोकर लाल रंग का कपड़ा पहनना चाहिए। पूजा के दौरान फल-फूल आदि चढ़ाएं और गणेश की अराधना करें। गणेश को मोदक का भोग जरूर लगाएं। पूरे विधि विधान से पूजा करने के बाद गणेश मंत्र ओम गणेशाय नमः का जाप करें। यह जाप आप 108 बार करें।

राशिफल 8 जुलाई: कन्या राशि वालों के मन-मुताबिक पूरे होंगे काम, बाकी राशियों का ऐसा रहेगा हाल

संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

एक दिन माता पार्वती और भगवान शिव नदी किनारे बैठे हुए थे। अचानक माता पार्वती का मन चौपड़ खेलने का हुआ। लेकिन उस समय वहां पार्वती और शिव के अलावा और कोई तीसरा नहीं था, ऐसे में कोई तीसरा व्यक्ति चाहिए था जो हार-जीत का फैसला कर सके। इस वजह से दोनों ने एक मिट्टी मूर्ति बनाकर उसमें जान फूंक दी। और उसे शिव व पार्वती के बीच हार जीत का फैसला करने को कहा।

चौपड़ के खेल में माता पार्वती विजयी हुईं। यह खेल लगातार चलता रहा जिसमें तीन से चार बार माता पार्वती जीतीं लेकिन एक बार बालक ने गलती से पार्वती को हारा हुआ और शिव को विजयी घोषित कर दिया। इस पर माता पार्वती क्रोधित हुईं। और उस बालक को लंगड़ा बना दिया। बच्चे ने अपनी गलती की माफी भी माता पार्वती से मांगी और कहा कि मुझसे गलती हो गई मुझे माफ कर दो। लेकिन माता पार्वती उस समय गुस्से में थीं और बालक की एक ना सुनी और माता पार्वती ने कहा कि श्राप अब वापस नहीं लिया जा सकता। लेकिन एक उपाय है जो तुम्हें इससे मुक्ति दिला सकता है। और कहा कि इस जगह पर संकष्टी के दिन कुछ कन्याएं पूजा करने आती हैं। तुम उनसे व्रत की विधि पूछना और उस व्रत को करना। बालक ने वैसा ही किया जैसा माता पार्वती ने कहा था। बालक की पूजा से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और बालक की मनोकामाना पूरी करते हैं। 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement