Wednesday, April 24, 2024
Advertisement

दिग्विजय सिंह का सियासी कद बढ़ने के साथ क्या मध्य प्रदेश से दूरी भी बढ़ जाएगी!

खास बात यह है कि दिग्विजय की अध्यक्षता वाली इस समिति में प्रियंका गांधी बतौर सदस्य शामिल हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 03, 2021 15:59 IST
Digvijaya Singh, Digvijaya Singh Kamal Nath, Digvijaya Singh Congress - India TV Hindi
Image Source : PTI FILE मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में एक बार फिर कद बढ़ा है।

भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में एक बार फिर कद बढ़ा है, क्योंकि उन्हें राष्ट्रीय मुद्दों पर होने वाले आंदोलनों की योजना बनाने के लिए गठित की गई समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, दूसरी ओर सवाल भी उठ रहा है क्या इस नियुक्ति से पूर्व मुख्यमंत्री की अपने गृह राज्य से दूरी भी बढ़ेगी। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय मुददों पर होने वाले आंदोलनों की योजना बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है औस इस समिति का अध्यक्ष दिग्विजय सिंह को बनाया गया है।

प्रियंका गांधी समिति की सदस्य

खास बात यह है कि दिग्विजय की अध्यक्षता वाली इस समिति में प्रियंका गांधी बतौर सदस्य शामिल हैं। वहीं, उत्तम कुमार रेड्डी, मनीष चतरथ, बीके हरिप्रसाद, रिपुण बोरा, उदित राज, रागिनी नायक और जुबेर खान इस समिति के अन्य सदस्य हैं। कांग्रेस वर्तमान दौर में देश के बड़े हिस्से में विपक्ष की भूमिका निभा रही है, इन स्थितियों में पार्टी के लिए जन आंदोलन जरूरी हो गया है। लिहाजा इन आंदोलनों को क्या रूप दिया जाए, कैसी रणनीति हो, इस पर विचार मंथन आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखकर इस समिति का गठन किया गया है।

10 साल तक सीएम रहे दिग्विजय
दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं तो वहीं वर्ष 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव जिताने में उनकी बड़ी भूमिका रही है क्योंकि असंतुष्ट नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी उन्हीं को सौंपी गई थी, जिसमें वे काफी हद तक सफल रहे थे। परिणाम स्वरूप कांग्रेस सत्ता में आई और फिर महज 15 माह बाद ही सत्ता से बाहर हो गई। कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने की बड़ी वजह भी दिग्विजय सिंह को माना जाता है। दिग्विजय सिंह को पहले राज्यसभा में भेजा गया और अब आंदोलनों की रणनीति बनाने वाली समिति का सदस्य बनाया गया है तो यही माना जा रहा है कि उनका कांग्रेस के भीतर कद बढ़ रहा है।

‘दिग्विजय सिंह जूझारू नेता हैं’
दिग्विजय सिंह की सरकार में केबिनेट मंत्री रहे सुभाष कुमार सोजतिया का कहना है कि दिग्विजय सिंह जूझारू नेता हैं। वे जब राज्य की इकाई के अध्यक्ष हुआ करते थे तब उन्होंने राज्य के हर हिस्से में अपनी पकड़ बनाई थी और आज भी वे संघर्ष के मामले में पीछे नहीं रहते। इस बात का गवाह है पिछले दिनों भोपाल में हुआ आंदोलन, जिसमें उन्होंने पानी की बौछारें भी खाई। कुल मिलाकर दिग्विजय सिंह को उनके संघर्ष करने वाले जुझारु चरित्र के अनुसार जिम्मेदारी दी गई है और इसका लाभ कांग्रेस को मिलेगा।

‘दिग्विजय न्यूसेंस फैलाने वाले नेता’
वहीं बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री को न्यूसेंस फैलाने वाला नेता करार देती है। प्रदेश प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी का कहना है कि इस बात को हर कोई जानता है कि दिग्विजय सिंह न्यूसेंस वैल्यू क्रिएट करते हैं। वे नकारात्मक, गाली-गलौज वाली राजनीति (एब्यूज पॉलिटिक्स) में सबसे आगे है। सकारात्मक राजनीति वे कर ही नहीं पाते है। इस बात को अब सोनिया गांधी ने भी स्वीकार कर लिया और सोचा कि इनका उपयोग इसी रूप में करते हैं। इसीलिए दिग्विजय सिंह को एक समिति का अध्यक्ष बनाया है, ताकि वे न्यूसेंस पैदा कर सकें।

एमपी से दूर किए गए दिग्विजय!
दिग्विजय को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी सौंपे जाने पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नई जिम्मेदारी सौंपे जाने से राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बढ़ा है, साथ में यह भी लगता है कि उन्हें राज्य की राजनीति से दूर किया गया है। पिछले कुछ अरसे से सिंह की राज्य में सक्रियता लगातार बढ़ रही थी, जिसे कमलनाथ कैंप पसंद नहीं कर रहा था, फिर कमलनाथ की सोनिया गांधी और राहुल गांधी से हुई मुलाकातों के बाद सिंह को राज्य की राजनीति से दूर रखने की कोई रणनीति बनी हो। इसके बावजूद यह भी मानना पड़ेगा कि कांग्रेस दिग्विजय के राजनीतिक अनुभव का लाभ ले सकती है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement