
भोपाल : प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बगैर सर्वे, बगैर तैयारी, आरक्षण देने की बात करके फैलाए गए भ्रम के कारण यह मामला कोर्ट में लंबित रहा। उन्होंने कहा कि आरक्षण के संबंध में तथ्यात्मक आंकड़ों के आधार पर विधानसभा में बिल प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समन्वय भवन में मीडिया से चर्चा में यह बात कही।
आरक्षण को लेकर प्रभावी कार्यवाही कर रही सरकार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार 14 प्रतिशत आरक्षण से शेष बचे लोगों को आरक्षण का लाभ दिलाने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही कर रही है। इसी क्रम में सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। ऐसे विद्यार्थी जो न्यायालयीन प्रक्रिया के कारण ज्वाइनिंग नहीं दे पाए, उनको ज्वाइन कराने के भी प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने अधिकारियों- कर्मचारियों की पदोन्नति के लंबित प्रकरणों का निराकरण किया है। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर जातिगत जनगणना की प्रक्रिया भी आरंभ हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों की बेहतरी के लिए सरकार काम कर रही है।
OBC आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% करने का प्रयास
बता दें कि मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की स्थिति वर्तमान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण और बहस का केंद्र बनी हुई है। मध्य प्रदेश में ओबीसी की सटीक जनसंख्या के आंकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, विभिन्न सरकारी सर्वेक्षणों और आयोगों की रिपोर्टों में यह अनुमान लगाया गया है कि राज्य की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी 48% से 52% के बीच है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में ओबीसी की साक्षरता दर लगभग 67.9% और शहरी क्षेत्रों में 82.2% है। 2019-20 के स्कूल नामांकन के आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर 45% छात्र ओबीसी समुदाय से थे। राज्य सरकार ने ओबीसी के लिए आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने का प्रयास किया है, ताकि यह उनकी अनुमानित जनसंख्या के करीब आ सके। इस कदम को अदालतों में चुनौती दी गई है।