Friday, May 17, 2024
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MP News: मध्य प्रदेश के गांवों में सिखाए जाएंगे जंगली हाथियों को भगाने के आसान तरीके, जानें क्या है पूरा मामला

MP News: मध्य प्रदेश के गांवों में अक्सर जंगली हाथी उत्पात मचाते हैं। इन जंगली हाथियों की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है और काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में वन विभाग उन तरीकों को सिखाने की कोशिश में लगा है, जिससे हाथियों को बिना नुकसान पहुंचाए भगाया जा सके।

Rituraj Tripathi Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published on: October 09, 2022 15:10 IST
mp elephants news- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY/NUZREE mp elephants news

Highlights

  • गांवों में सिखाए जाएंगे जंगली हाथियों को भगाने के आसान तरीके
  • हाथियों के प्रकोप से ग्रामीणों को बचाने के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग
  • मध्य प्रदेश के वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी

MP News: छत्तीसगढ़ से सटे मध्य प्रदेश के गांवों के निवासियों को अब जंगली हाथियों को भगाने की ट्रेनिंग मिलेगी। फसलों को जंगली हाथियों के प्रकोप से बचाने और इंसानों के साथ हाथियों के संघर्ष की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया जाएगा। इन तरीकों में मधुमक्खियों की तेज भनभनाहट जैसी आवाज निकालने वाले ध्वनि यंत्रों का इस्तेमाल करना और मिर्च पाउडर युक्त गोबर के कंडों को जलाना शामिल है। मध्य प्रदेश के वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने बताया कि जंगली हाथियों को रिहायशी इलाकों से दूर रखने के लिए इन इलाकों में सौर ऊर्जा से संचालित बाड़ें भी लगाई जाएंगी। मध्य प्रदेश वन विभाग ने रिहायशी इलाकों में घुसकर लोगों पर हमला करने और फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली हाथियों को भगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है और इसके लिए एक एनजीओ से भी हाथ मिलाया है। 

'हाथियों पर पत्थर न फेंकें' 

चौहान ने कहा, 'हम लोगों से कहेंगे कि वे हाथियों पर पत्थर न फेंकें या उनका सामना न करें, क्योंकि इससे वे उग्र हो सकते हैं।' एक अधिकारी ने बताया कि भारत में हाथियों की गणना के अनुसार, 2017 में मध्य प्रदेश में केवल सात हाथी थे। चौहान ने बताया, 'अब प्रदेश में हाथियों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है। इसके अलावा, अन्य राज्यों से भी हाथी कभी-कभार भटककर यहां आ जाते हैं।' 

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ से आने वाले 50 जंगली हाथी मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में और शेष संजय-दुबरी बाघ अभयारण्य में बस गए हैं। वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने दावा किया कि हाथियों ने इस साल मध्य प्रदेश में आठ से अधिक लोगों को जान से मार डाला। हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हाथियों के हमलों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या तीन है। इसमें शहडोल के दो और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है।

'जंगली हाथियों के साथ रहना सीखना होगा'

चौहान ने कहा, 'हमें जंगली हाथियों के साथ रहना सीखना होगा। हाथियों के बारे में थोड़ी-सी समझ हासिल करने और संयम बरतने से हम इनके हमलों से होने वाले जान-माल के नुकसान को काफी हद तक रोक सकते हैं।' उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि हाथियों को तेज रोशनी दिखाकर, पटाखे फोड़कर, मिर्च पाउडर से युक्त गोबर के कंडे जलाकर, मधुमक्खी जैसी तेज भनभनाहट वाली आवाज निकालकर और ढोल बजाकर भगाया जा सकता है। 

चौहान ने कहा, 'हमारा विभाग कसौटी पर खरी उतरी आधुनिक तकनीकों को स्थानीय लोगों के साथ साझा करेगा। हम ‘हाथी मित्र दल’ (मानव-हाथी संघर्ष को नियंत्रित करने वाला समूह) का गठन करेंगे, जो वन विभाग के फील्ड स्टाफ को हाथियों के आने के बारे में जानकारी देगा। इससे हाथियों को रिहायशी इलाकों में घुसने और फसलों को नुकसान पहुंचाने से रोका जा सकेगा।'

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