Friday, March 29, 2024
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दिग्विजय सिंह की बढ़ेंगी मुश्किलें? सरस्वती शिशु मंदिर पर दिए विवादित बयान पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने लिया संज्ञान

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सरस्वती शिशु मंदिर पर दिए विवादित बयान पर अब राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान लिया है। इसके बाद एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Anurag Amitabh Reported by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Published on: September 27, 2021 21:31 IST
दिग्विजय सिंह की बढ़ेंगी मुश्किलें? सरस्वती शिशु मंदिर पर दिए विवादित बयान पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO दिग्विजय सिंह की बढ़ेंगी मुश्किलें? सरस्वती शिशु मंदिर पर दिए विवादित बयान पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने लिया संज्ञान

भोपाल: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सरस्वती शिशु मंदिर पर दिए विवादित बयान पर अब राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान लिया है। इसके बाद एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मध्य प्रदेश DGP विवेक जोहरी को संज्ञान लेते हुए पत्र लिखा है। 

आयोग ने कहा है कि सरस्वती शिशु मंदिर के छात्रों ने शिकायत की थी जिस पर संज्ञान लिया गया है। मामले में एक हफ्ते के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं दिग्विजय सिंह से भी पत्र लिखकर जवाब मांगा गया है। आयोग ने सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र से मिली शिकायत पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13(1)(0) के अंतर्गत संज्ञान लिया है। 

बाल आयोग को मिली शिकायत में छात्रों ने लिखा है कि वो सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र हैं। सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल में एक कार्यक्रम में कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले बच्चे नफरत का पाठ सीख कर दंगा करते हैं, इस कथन से उनको बेहद आघात लगा है, उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। उनके आस-पड़ोस के बच्चे उनके साथ खेलने मेलजोल करने में हिचकिया रहे हैं, उनको दंगाई कहकर चिढ़ा रहे हैं। 

आयोग ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि कथित तौर पर दिग्विजय सिंह की टिप्पणी सर्व भौमिक प्रकृति की है और सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले सभी बच्चों के मान-सम्मान और चरित्र को आघात पहुंचाने की कोशिश करते प्रतीत होती है। प्रथम दृष्टया दिग्विजय सिंह द्वारा की गई टिप्पणी भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए बी 504 505 का उल्लंघन प्रतीत होता है। आयोग ने आगे लिखा है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मामले में प्रकरण पंजीबद्ध विधि सम्मत जांचकर आयोग को जांच आख्या आवश्यक दस्तावेज के साथ पद प्राप्ति के 7 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने का कष्ट करें। 

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