Friday, December 13, 2024
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केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के CAA वाले बयान पर बिफरे मौलाना, बोले- 'अमित शाह को स्टैंड क्लियर करना चाहिए'

शांतनु ठाकुर के CAA वाले बयान को लेकर जमीयत-ए-उलेमा के अध्यक्ष भड़क गए हैं। मौलाना सिराज ने कहा कि केंद्र में कई ऐसे मंत्री है जो इस फिराक में है कि वो कुछ ऐसा मुसलमानों के खिलाफ बयान दे जिससे वो मोदी जी की निगाह में आ जाएं।

Reported By : Atul Kumar Singh Edited By : Shailendra Tiwari Published : Jan 29, 2024 17:02 IST, Updated : Jan 29, 2024 17:02 IST
Jamiat-e-Ulema President Maulana Siraj Khan- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV जमीयत-ए-उलेमा के अध्यक्ष मौलाना सिराज खान

मुंबई: बीते दिन केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के एक बयान से देश में सनसनी फैला दी। मंत्री ने पश्चिम बंगाल में एक मंच से दावा किया कि मैं मंच से गारंटी दे रहा हूं कि अगले 7 दिनों में सिर्फ बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश में सीएए लागू होगा। इसके बाद से देश में बवाल-सा मचा हुआ है। इसी को लेकर आज जमीयत-ए-उलेमा के अध्यक्ष मौलाना सिराज खान ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की है। 

मौलाना ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा,"केंद्र सरकार में कई ऐसे मंत्री है जो इस फिराक में है कि वो कुछ ऐसा मुसलमानों के खिलाफ बयान दे जिससे वो मोदी जी की निगाह में आ जाएं। शांतनु ठाकुर भी वही कर रहे हैं।" CAA को लेकर हमारे कई सारे सवाल है, जो हल होने चाहिए। हमने लगातार इसका विरोध किया है। केंद्र सरकार को चाहिए के ऐसे मंत्रियों पर लगाम लगाएं।

विवाद खड़ी कर वोट पोलराइज करना चाहते हैं

मौलाना सिराज खान ने आगे कहा, "ऐसे बयान देकर ये मंत्री हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद खड़ी कर वोटों को पोलराइज करना चाहते हैं इसलिए ऐसे बयान दे रहे हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव पास है। मंत्री बंगाल में बयान दे रहे है तो यह जानबूझकर मुख्यमंत्री ममता को गर्म करने और विवाद बढ़ाने के लिए दिया गया है यह सिर्फ एक "पॉलिटिकल बयानबाज़ी या पॉलिटिकल स्टंट" है।"

जमियत-ए-उलेमा के अध्यक्ष ने आगे कहा, "केंद्र के मंत्री दुनियाभर में घूमकर बताते हैं कि भारत में लोकतंत्र कितना मजबूत है लेकिन देश में आते ही हिन्दू-मुस्लिम के झगड़े लगाते हैं, शांतनु ठाकुर जैसे मंत्रियों के बयानों को सुन लगता है की जैसे देश में "लोकतंत्र" है ही नहीं।

UCC बिल को लेकर भी मौलाना ने बात की

मौलाना सिराज ने कहा, "अमित शाह को UCC को लेकर केंद्र सरकार का स्टैंड क्लियर करना चाहिए। उत्तराखंड की सरकार विधानसभा में बिल पेश करेंगे तो पता चलेगा उसमें क्या है। बीजेपी और केंद्र सरकार का सिर्फ एक एजेंडा है कि जिन कानून या बिल से मुसलमानों को आपत्ति हो, दिक्कत हो, हिन्दू-मुसलमान के बीच नफरत फैले, उस पर हिंदुत्व का असर दिखाकर वोट ले लो। बस इसी मकसद पर 2024 के लोकसभा चुनाव तक चलता रहेगा।"

"ये राजनीतिक नौटंकी है"

मौलाना ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का भी फैसला ऐसा ही है, ये राजनीतिक नौटंकी है। केंद्र की बीजेपी सरकार आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बात नहीं करेगी, बस जिससे मुसलमान परेशान हो, बिल या कानून से आपत्ति हो उसी को लागू करना या चर्चा करना, बीजेपी का यही काम है। 

"यह बीजेपी का डर है"

असल में बीजेपी में परेशानी और बौखलाहट है जिसकी वजह से यह फैसले या बयान आ रहे हैं। जब-जब राहुल गांधी देश में लोगों के बीच मोहब्बत बांटने के लिए न्याय यात्रा या भारत जोड़ो यात्रा निकालते हैं तो भाजपा परेशान हो जाती है और अब जब 2024 का चुनाव करीब है तो UCC और CAA पर बयान आने लगे, यह बीजेपी का डर है, जो नफरत फैलाने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वीएचपी की अपील पर भी बोले मौलाना

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर VHP ने अपील को लेकर मौलाना ने कहा कि ज्ञानव्यापी मस्जिद पर ASI ने जो रिपोर्ट पेश किया है, उस पर हिन्दू पक्ष अपनी बात कह रहा है, मुस्लिम पक्ष इंतेजामिया उसी पढ़ेगी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। हम हमेशा से कह रहे है कि जो अदालत का फैसला होगा, हम उसे मानेंगे। बाबरी मस्जिद के फैसले को माना था, ज्ञानव्यापी मस्जिद पर भी जो कोर्ट फैसला देगी हम उसे मानेंगे। VHP के अध्यक्ष क्या अपील करते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ज्ञानव्यापी मस्जिद को लेकर जो कुछ भी चल रहा है वो प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का उल्लंघन है।

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