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'प्यार और राजनीति में सब जायज है', शरद पवार को लेकर नितिन गडकरी ने ऐसा क्यों कहा ?

शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उनकी पार्टी तोड़कर बीजेपी के साथ गठबंधन किया और उपमुख्यमंत्री बने हुए हैं। इसी को लेकर नितिन गडकरी ने बयान दिया है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Nov 10, 2024 23:41 IST, Updated : Nov 11, 2024 0:02 IST
Nitin gadkari, Sharad Pawar- India TV Hindi
Image Source : PTI नितिन गडकरी और शरद पवार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शरद पवार को लेकर कहा कि जंग में और राजनीति में सब जायज है। गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा कि शरद पवार ने भी अपने समय में ऐसा ही किया था। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि भाजपा अन्य दलों में फूट डालने की राजनीति करती है। उन्होंने कहा, "प्यार और राजनीति में सब कुछ जायज है। कभी-कभी यह लोगों के लिए कारगर साबित होता है, तो कभी-कभी प्रतिक्रियाएं भी होती हैं।"

नितिन गडकरी से पूछा गया कि शरद पवार के साथ दो हुआ, उसे लेकर लोगों की धारणा है और इसका नुकसान महायुति को लोकसभा चुनाव में हुआ। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र में बहुत सम्मानित नेता हैं। लेकिन एक समय में, उन्होंने ऐसे कदम उठाए थे, जिनका असर हर पार्टी पर पड़ा।

एनसीपी ने सभी पार्टियां तोड़ीं

गडकरी ने कहा "शरद पवार ने मुख्यमंत्री रहते हुए सभी पार्टियों को तोड़ दिया। उन्होंने शिवसेना को तोड़ दिया और छगन भुजबल और अन्य नेताओं को बाहर निकाल दिया। लेकिन राजनीति में यह काफी आम बात है। यह सही है या गलत, यह अलग बात है। एक कहावत है- प्यार और राजनीति में सब कुछ जायज है।"

अजित पवार ने एनसीपी को तोड़ा

महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को बहुमत मिला था, लेकिन शिवसेना और बीजेपी में अनबन हो गई। ऐसे में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। कुछ दिन तक यह सरकार चली, लेकिन बाद में शिवसेना और एनसीपी दोनों पार्टियों में फूट पड़ गई। शिवसेना के अधिकतर विधायक लेकर एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बना ली। इधर एनसीपी के अधिकतर विधायक लेकर अजित पवार भी इसी गठबंधन में शामिल हो गए और उन्हें भी डिप्टी सीएम बनाया गया।

शिवसेना के अधिकतर विधायक शिंदे के साथ थे और एनसीपी के अधिकतर विधायक अजित पवार के साथ थे। ऐसे में चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना और अजित गुट को असली एनसीपी करार दिया। शिंदे ने उद्धव ठाकरे को धोखा दिया, लेकिन अजित ने अपने चाचा की बनाई हुई पार्टी को ही तोड़ दिया। इसके बाद उनकी जमकर आलोचना भी हुई। हालांकि, अब गडकरी ने कहा है कि राजनीति में सब जायज है।

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