Monday, April 29, 2024
Advertisement

10 बड़े कारण जिसके आधार पर स्पीकर ने शिंदे गुट के हक में दिया फैसला, उद्धव ठाकरे को लगा झटका

महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर ने अपना फैसला सुना दिया है। स्पीकर के फैसले से उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में शिंदे सरकार पर संकट के बादल कट गए है। अब सरकार नहीं गिरेगी और शिंदे सीएम बने रहेंगे।

Mangal Yadav Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: January 10, 2024 19:42 IST
 महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर - India TV Hindi
Image Source : ANI महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर

 मुंबईः महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे से बगावत करके मुख्यमंत्री बनने वाले एकनाथ शिंदे की कुर्सी बच गई है। साथ ही शिंदे गुट के विधायकों के भी बड़ी राहत मिली है। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में बुधवार को फैसला सुना दिया। स्पीकर ने एकनाथ शिंदे को असली शिवसेना मानते हुए उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से दायर की गई विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला शिंदे गुट के हक में दिया है। आइए जानते हैं वे मुख्य बातें जिन पर शिंदे गुट की दलीलें उद्धव ठाकरे गुट पर भारी पड़ी।

स्पीकर के फैसले की 10 बड़ी बातें

  1. अपना फैसला सुनाते हुए स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। रिकॉर्ड के अनुसार  मैंने वैध संविधान के रूप में शिवसेना के 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है। शिवसेना के 2018 के संविधान पर विचार करने की उद्धव ठाकरे गुट की दलील स्वीकार नहीं की जा सकती।
  2.  राहुल नार्वेकर ने कहा कि मेरे विचार में 2018 नेतृत्व संरचना (ईसीआई के साथ प्रस्तुत) शिवसेना संविधान के अनुसार नहीं थी। पार्टी संविधान के अनुसार शिवसेना पार्टी प्रमुख किसी को भी पार्टी से नहीं हटा सकते हैं। इसलिए उद्धव ठाकरे ने पार्टी संविधान के अनुसार एकनाथ शिंदे या पार्टी के किसी भी नेता को पार्टी से हटा दिया। इसलिए जून 2022 में उद्धव ठाकरे द्वारा एकनाथ शिंदे को हटाना शिवसेना संविधान के आधार पर स्वीकार नहीं है।
  3. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि दोनों पार्टियों (शिवसेना के दो गुट) द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई सहमति नहीं है। दोनों दलों के नेतृत्व संरचना पर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। मुझे विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व संरचना को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक संविधान तय करना होगा। शिवसेना का संविधान नेतृत्व संरचना की सीमा की पहचान को लेकर प्रासंगिक है। 
  4.  चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में शिव सेना का संविधान वास्तविक संविधान है, जिसे शिवसेना का संविधान कहा जाएगा। याचिकाकर्ता (उद्धव गुट) के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि 2018 के पार्टी संविधान पर निर्भर किया जाना चाहिए। 
  5.  राहुल नार्वेकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट ने रिकॉर्ड पर कोई सामग्री नहीं रखी है या यहां तक ​​कि यह भी सुझाव नहीं दिया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कोई बैठक बुलाई गई थी जहां वास्तविक राजनीतिक दल के बारे में कोई निर्णय लिया गया था।
  6. 2018 का नेतृत्व ढांचा शिवसेना के संविधान (1999 के जिस पर भरोसा किया जाता है) के अनुरूप नहीं था। इस नेतृत्व ढांचे को यह निर्धारित करने के लिए मानदंड के रूप में नहीं लिया जा सकता है कि कौन सा गुट वास्तविक शिव सेना है।

  7. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि 21 जून 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी गुट बना तब शिंदे गुट ही असली शिवसेना राजनीतिक दल था।  स्पीकर ने अपने फैसले में कहा कि विधानसभा में शिंदे गुट को शिवसेना के 55 में से 37 विधायकों का समर्थन था।

  8.  शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी धड़े द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला पढ़ते हुए नार्वेकर ने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के सुनील प्रभु 21 जून, 2022 से सचेतक नहीं रहे। 

  9. विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि शिवसेना के ‘प्रमुख’ के पास किसी भी नेता को पार्टी से हटाने की शक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को सौंपा गया 1999 का पार्टी संविधान मुद्दों पर फैसला करने के लिए वैध संविधान था। उन्होंने कहा कि इस संविधान के अनुसार ‘राष्ट्रीय कार्यकारिणी’ सर्वोच्च निकाय है।

  10. शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले पर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने फैसला सुनाते हुए शिंदे गुट को ही असली शिवसेना करार दिया। शिंदे गुट के 16 विधायकों की विधानसभा सदस्यता बरकरार रहेगी। स्पीकर ने उन्हें योग्य ठहरा दिया है।  स्पीकर के इस फैसले पर एकनाथ शिंदे सरकार का भविष्य टिका था। जानकारी के मुताबिक स्पीकर राहुल नार्वेकर  ने 1200 पन्नों का एक जजमेंट तैयार किया था। आज का फैसला शिंदे गुट के पक्ष में आया है इससे उद्धव ठाकरे की पार्टी को बड़ा झटका लगा है।

 

 केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो फैसला दिया है ये फैसला नियम और कानून के मुताबिक है। 2/3 बहुमत के माध्यम से एकनाथ शिंदे के पास 37 MLA हैं इसलिए चुनाव आयोग ने भी शिंदे की शिवसेना को असली गुट माना।

 

 

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें महाराष्ट्र सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement