
wealth eroded by wilful defaulters, so Govt have spent less amount on social sectors
नई दिल्ली। शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि देश के विलफुल डिफॉल्टर्स यानी जानबूझकर बैंकों का कर्ज न चुकाने वालों की वजह से सरकार अपनी सामाजिक योजनाओं पर कम पैसा खर्च कर पाई है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि यदि विलफुल डिफॉल्टर्स द्वारा सार्वजनिक धन का गबन नहीं किया गया होता तो हम सामाजिक क्षेत्रों में लगभग दोगुना राशि खर्च कर सकते थे।
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष में सरकार ने मनरेगा में 55 हजार करोड़ रुपए, उर्वरक सब्सिडी में 70 हजार करोड़ रुपए, ग्रामीण विकास पर 1,15,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर सरकार ने 1,38,000 करोड़ रुपए और रेलवे पर 1,49,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान खाद्य सब्सिडी पर 1,69,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान विलफुल डिफॉल्टर्स ने 1,36,000 करोड़ रुपए की चोरी की है। यदि यह पैसा सरकार के पास होता तो सामाजिक योजनाओं पर सरकार और ज्यादा धन खर्च करने में सक्षम होती।