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2015 में 4,000 भारतीय करोड़पतियों ने छोड़ा देश

न्‍यू वर्ल्‍ड वेल्‍थ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में 4,000 ऐसे करोड़पतियों, जिनकी संपत्ति 10 लाख डॉलर है वह भारत छोड़कर विदेशों में जा बसे हैं।

Abhishek Shrivastava
Published : Mar 31, 2016 02:34 pm IST, Updated : Mar 31, 2016 02:46 pm IST
Wealth Drain: 2015 में 4,000 भारतीय करोड़पतियों ने छोड़ा देश, पुअर लिविंग स्‍टैंडर्ड हो सकती है वजह- India TV Paisa
Wealth Drain: 2015 में 4,000 भारतीय करोड़पतियों ने छोड़ा देश, पुअर लिविंग स्‍टैंडर्ड हो सकती है वजह

नई दिल्‍ली। बेहतर लिविंग स्‍टैंडर्ड, बेहतर सुविधाओं और धन कमाने की अधिक संभावनाओं के चलते 2015 में 4,000 भारतीय करोड़पतियों ने अपना देश छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता हासिल की है। न्‍यू वर्ल्‍ड वेल्‍थ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में 4,000 ऐसे अमीर लोग, जिनकी संपत्ति 10 लाख डॉलर (मौजूदा विनिमय दर के हिसाब से 6.7 करोड़ रुपए या इससे अधिक) है वह भारत छोड़कर विदेशों में जा बसे हैं।

दुनिया में हाई नेट वर्थ (एचएनआई) लोगों द्वारा अपना देश छोड़कर दूसरे देशों में जाकर बसने के मामले में भारत टॉप 10 लिस्‍ट में चौथे स्‍थान पर है। 10,000 संख्‍या के साथ इस लिस्‍ट में फ्रांस सबसे ऊपर है। 9,000 के साथ चीन दूसरे और 6,000 के साथ इटली तीसरे स्‍थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल 23.6 लाख करोड़पति हैं, जिसमें से 2 फीसदी (4,000 लोग) लोग 2015 में भारत छोड़कर विदेशों में जा बसे हैं। वॉल स्‍ट्रीट की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 सालों में 43,400 भारतीय करोड़पतियों ने देश छोड़कर विदेश में बसे हैं, जबकि न्‍यू वर्ल्‍ड वेल्‍थ का कहना है कि पिछले 14 सालों में 61,000 भारतीय करोड़पतियों ने भारत को छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता हासिल की है।

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रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि चीन और भारत से अमीरों के दूसरे देश जाकर बसने में चिंता की कोई बात नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि भारत और चीन से अमीरों का बाहर जाना चिंता की बात नहीं है, क्‍योंकि ये देश जितने करोड़पति गंवा रहे हैं, उससे ज्यादा ये करोड़पति पैदा कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि एक बार इन देशों में जीवनस्तर में सुधार के बाद कई अमीर वापस अपने देश लौट आएंगे।

रिपोर्ट की प्रमुख बातें:

  •  2015 में सिडनी में सबसे ज्‍यादा 4,000 नए करोड़पति आकर बसे हैं। ऑस्‍ट्रेलिया का अन्‍य शहर मेलबर्न इस मामले में दूसरे स्‍थान पर है, यहां 3000 नए करोड़पतियों ने अपना घर बनाया है। तेल अवीव तीसरे और दुबई चौथे स्‍थान पर है। सैन फ्रांसिस्‍को पांचवें और वैनकूवर छठवें स्‍थान पर है।
  • ऑस्‍ट्रेलिया में सबसे ज्‍यादा चीन, यूरोप, यूके, यूएसए और साउथ अफ्रीका के लोग आकर बसे हैं।
  • तेल अवीव में सबसे ज्‍यादा फ्रांस के करोड़पति आकर बसे हैं।
  • यूएसए में एशिया और चीन के करोड़पति सबसे ज्‍यादा आए हैं।
  • दुबई में नॉर्थ अफ्रीका, विशेषकर इजिप्‍ट, अलजेरिया, मोरक्‍को और टर्की के लोग आए हैं।
  • लंदन में 3,000 नए करोड़पति आए हैं, जबकि 2500 ने देश छोड़ा है। रोचक बात यह है कि शहर छोड़ने वाले यूके के नागरिक हैं, जबकि नए आकर बसने वाले गैर-यूरोपियन नागरिक हैं।
  • पेरिस से 6 फीसदी, रोम से 7 फीसदी, शिकागो से 2 फीसदी और ग्रीस में एथेंस से 9 फीसदी करोड़पतियों ने 2015 में अपना-अपना देश छोड़ा है।

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