Thursday, March 28, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. बैंक हड़ताल का दूसरा दिन, बड़ी संख्या में सरकारी बैंकों में कामकाज प्रभावित

बैंक हड़ताल का दूसरा दिन, बड़ी संख्या में सरकारी बैंकों में कामकाज प्रभावित

सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 16, 2021 8:34 IST
बैंक हड़ताल का दूसरा...- India TV Paisa
Photo:PTI

बैंक हड़ताल का दूसरा दिन, बड़ी संख्या में सरकारी बैंकों में कामकाज प्रभावित

नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ। हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ। यूनियन नेताओं ने दो दिन की इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के शामिल होने का दावा किया है। नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है। ये नौ बैंक यूनियनें हैं एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ। 

पढ़ें- भारतीय कंपनी Detel ने पेश किया सस्ता इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, जबर्दस्त हैं खूबियां

पढ़ें- शहर में भी लागू हो मनरेगा, मोदी सरकार को अर्थशास्त्री जयां द्रेज का सुझाव

बैंक यूनियनों ने कहा कि हड़ताल की वजह से तीन राष्ट्रीय ग्रिड चेन्नई, मुंबई और दिल्ली में 16,500 करोड़ रुपये के 2.01 करोड़ चेकों का समाशोधन नहीं हो सका। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सरकार की विनिवेश योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएश्न (एआईबीईए) ने बयान में कहा कि अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ 4, 9 और 10 मार्च को हुई सुलह-सफाई बैठक में हमने कहा था कि यदि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, तो हम हड़ताल के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। लेकिन सरकार ने हमारी पेशकश स्वीकार नहीं की। बयान में कहा गया है कि सोमवार को शुरू हुई हड़ताल सफल रही। 

पढ़ें-  भारत के सभी बैंकों के लिए आ गई ये सिंगल एप, ICICI बैंक ने किया कमाल

पढ़ें- ATM मशीन को बिना छुए निकाल सकते हैं पैसा, इस सरकारी बैंक ने शुरू की सुविधा

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया था कि वे लेनदेन के लिए डिजिटल माध्यम मसलन इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करें। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि हड़ताल की वजह से उसकी शाखाओं में बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि सरकार की नीतियों का अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसका परिणाम राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजों में भी दिखेगा। उन्होंने कहा कि कुछ शीर्ष स्तर के कर्मचारियों को छोड़कर बैंकों के सभी कर्मचारी इस दो दिन की हड़ताल में शामिल हुए हैं। 

दत्ता ने कहा कि हड़ताल से नकदी निकासी, जमा, लेनदेन, ऋण प्रक्रिया, चेक समाशोधन जैसी सभी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों ने देशभर में जहां अनुमति मिली वहां रैलियां निकाली। इसके अलावा वे धरने पर बैठे। दत्ता ने कहा कि यदि सरकार ने हमारी बातों को नहीं सुना, तो हम और बड़ा कदम भी उठा सकते हैं। यह कदम किसान आंदोलन की तरह अनिश्चितकालीन हड़ताल का हो सकता है। दत्ता ने कहा कि हम अपनी शाखाओं के जरिये करोड़ों लोगों से जुड़े हैं। हम लोगों को सरकार की गलत नीतियों से अवगत करा रहे हैं कि कैसे वे इनसे प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग के जरिये बैंक यूनियनों ने वित्त मंत्री से कहा है कि वह संसद में सरकारी बैंकों के निजीकरण के बारे में अपने बयान को वापस लें। 

एक बैंक अधिकारी ने कहा कि प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्केल के 100 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम उन्हें सहायक प्रबंधक, प्रबंधक या वरिष्ठ प्रबंधक कहते हैं। इस स्तर के 100 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। 80 से 90 प्रतिशत बैंक शाखाओं के प्रमुख यही अधिकारी हैं।’’ अधिकारी ने कहा कि मुख्य प्रबंधक या सहायक महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों की अगुवाई वाली बड़ी शाखाओं की संख्या 20 प्रतिशत है। यदि ये वरिष्ठ अधिकारी इस हड़ताल में शामिल नहीं भी हैं, तो भी वे अकेले शाखा का संचालन नहीं कर सकते हैं। 

पढ़ें- SBI ग्राहक घर बैठे बदल सकते हैं नॉमिनी का नाम, ये है तरीका

पढ़ें- पेटीएम से पेमेंट करना पड़ेगा महंगा, कंपनी ने थोपा एक्स्ट्रा चार्ज

इस बीच, निजी क्षेत्र के बैंकों आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंकों की शाखाओं में सामान्य कामकाज हुआ। सरकार पहले ही आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर चुकी है। 2019 में आईडीबीआई की बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेची गई थी। पिछले चार साल के दौरान सरकार ने 14 सार्वजनिक बैंकों का किसी अन्य सरकारी बैंक के साथ विलय किया है। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement