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राष्ट्रीय मानक ब्यूरो को लेकर सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला, जानिए क्या होगा असर

एजेंसी मुख्य रुप से इंडस्ट्रियल गुड्स के लिए स्टैंडर्ड मानक तैयार करती है. इसी को देखते हुए कॉमर्स मंत्रालय की ओर से यह प्रस्ताव रखा गया था। देश में सोने के हॉलमार्क जैसे नियमों को BIS ही तय करती है. हॉलमार्क सरकारी गारंटी है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 27, 2020 22:50 IST
राष्ट्रीय मानक ब्यूरो...- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

राष्ट्रीय मानक ब्यूरो को लेकर सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला

नई दिल्ली। सरकार ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैण्डर्ड यानी भारत का राष्ट्रीय मानक ब्यूरो को कॉमर्स मिनिस्ट्री के अंतर्गत लाने पर विचार कर रही है, फिलहाल ये उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के पास है। देश में सोने के हॉलमार्क जैसे नियमों को BIS ही तय करती है. हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों की खबर के हवाले से जानकारी दी है कि BIS एजेंसी को वाणिज्य मंत्रालय के तहत लाने का काम पूरा करने के लिए दो सप्ताह की समय सीमा तय की गई है. रामविलास पासवान के निधन के बाद केंद्रीय रेलमंत्री और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी मिलने के बाद से इस संबध में कई बैठक हो चुकी है।

BIS के अधिकारियों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ये प्रस्ताव लंबे समय से चल रहा है. बता दें ये एजेंसी मुख्य रुप से इंडस्ट्रियल गुड्स के लिए स्टैंडर्ड मानक तैयार करती है. इसी को देखते हुए कॉमर्स मंत्रालय की ओर से यह प्रस्ताव रखा गया था। बीआईएस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ग्लोबल एजेंसियों के अलावा सभी जगह इंडस्ट्रियल गुड्स के लिए मानक बनाने वाली एजेंसी कॉमर्स डिपार्टमेंट के तहत ही काम करती है. अगर BIS को कॉमर्स मंत्रालय के अंडर में लाया जाता है तो इससे भारत को आत्मनिर्भर बनने में काफी सहयोग मिलेगा। इससे ज्यादा बेहतर तरीके से काम किया जा सकेगा

इससे पहले भी इस प्रस्ताव को लेकर चर्चा हुई थी, लेकिन पूर्व मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान ने वाणिज्य मंत्रालय के इस प्रस्ताव का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि बीआईएस के पास विनियामक शक्तियां हैं और उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए संसद की ओर से बीआईएस संशोधन अधिनियम 2016 पारित करने के बाद से उपभोक्ताओं की सभी जरूरतों का ध्यान यहां पर सही तरीके से रखा जा रहा है.

 

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